राव राजा एवं उसके पर्यायवाची
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राव राजा- राजपूताना में शासक की विजातीय पत्नी को पासवान/पङदायत/दासी/खवास कहा जाता था। इनसे उत्पन्न संतान को खवास पुत्र/पासवान पुत्र/गोला/ढीकङिया/घोटाबरदार/चेला /वाभा/लालजी कहा जाता था। मारवाड़ के राजा श्री तख्त सिंह जी ने इस वर्ग के सम्मान में वृद्धि करते हुए इनको राव राजा की उपाधि प्रदान की। तदुपरांत मारवाड़ रियासत में शासक की ऐसे पुत्र को राव राजा कहा जाने लगा।
''' राजा राव ''' को साहित्य एवं शिक्षा क्षेत्र में [[भारत सरकार]] द्वारा सन [[१९६९]] में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। ये [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] से हैं।
{{१९६९ पद्म भूषण}}
 
[[श्रेणी:पद्म भूषण]]
[[श्रेणी:साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप से सम्मानित‎]]
[[श्रेणी:साहित्य और शिक्षा में पद्म विभूषण के प्राप्तकर्ता]]
 
 
 
 
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