दाहिर सेन
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वर्तमान एवं इतिहासिक शुद्धि
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सिंध के ब्राह्मणराजपूत सम्राट {{Infobox royalty
|title = सिंध के ब्राह्मणक्षत्रिय राजा
|caption =
|succession = सिन्ध के तीसरे व अंतिम राजा
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|issue = पुत्रियों राजकुमारी सूर्यकुमारी<br> व परमाल<br>
|full name =
|house = ब्राह्मण<ref>{{Cite book|url=https://books.google.com/books/about/Pracheen_Bharat_Ka_Rajneetik_Aur_Sanskri.html?id=EGR2yLsj1DcC#v=onepage&q=%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B0%20%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BF&f=false|title=Pracheen Bharat Ka Rajneetik Aur Sanskritik Itihas|last=Pandey|first=Dhanpati|date=1998|publisher=Motilal Banarsidass Publishe|isbn=978-81-208-2380-8|pages=237|language=hi}}</ref>
|mother = रानी सुहान्दी
|religion = [[हिन्दू ब्राह्मण ]]
|reign = 695 - 712 ईसा पूर्व
|Full title =
|spouses = लाडीब्राह्मण लाड़ी बाई
|date of burial =
|place of burial =
}}
 
'''राजा दाहिर सेन''' [[सिंध]] के अंतिम हिंदू ब्राह्मण क्षत्रिय राजा थे।<ref>{{Cite book|url=http://archive.org/details/classicalage03bhar|title=History and Culture of the Indian People, Volume 03, The Classical Age|last=R. C. Majumdar|first=General Editor|date=1970|publisher=Bharatiya Vidya Bhavan|others=Public Resource}}</ref> उनके समय में ही अरबों ने सर्वप्रथम सन ७१२ में भारत (सिंध) पर आक्रमण किया था। [[मुहम्मद बिन क़ासिम]] मिशन 712 में सिंध पर आक्रमण किया था जहां पर राजा दाहिरसेन ने उसे रोका और उसके साथ युद्ध लड़ा उनका शासन काल 663 से 712 ईसवी तक रहा उन्होंने अपने शासनकाल में अपने सिंध प्रांत को बहुत ही मजबूत बनाया परंतु
। अरब के खलीफा ने मोहम्मद बिन कासिम को भेजा और कासिम को मालूम था की इनसे ऐसे जितना मुस्किल है जिसके कारण कासिम ने इनके एक सिपहसालार को दाहिर को मारने के बाद उसे गद्दी पर बैठाने का ख्वाब दिखाया जिससे उस सिपहसालार ने राज दाहिर सेन के साथ गद्दारी की इस कारण इनको हार का मुंह देखना पड़ा। राजा दाहिर सेन अपने जीवन काल में कभी नही हारे थे 712 में उनका सिंधु नदी के किनारे उनकी मौत हो गयी।<ref>{{cite web|url=https://www.dawn.com/news/1617739/situationer-nine-trenches-into-the-past-of-sindh|title=SIT1 हज़ार साल पुरानी पुस्तक चचनामा मे उन्हें ब्राह्मण बताया गया है