"बन्दा सिंह बहादुर": अवतरणों में अंतर

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राजा ब्राह्मण पुत्र हमारे राजपुत्र, बंदा ब्राह्मण था खुद कश्मीर के सूफी और पुरानी किताबो मे लिख रखा है ये मिंहास् खजूर उन कच्छवाह राजपूतो के भतीजे है जो हमेशा से मुगलो का दिल्ली दरबार मे चाकर रहा उनकी सेना पालता था, और आज भी 70% मिंहास् मुस्लिम है, बंदा एक शुद्ध ब्राह्मण भरद्वाज गोत्र का था तुम मिश्रित जाति राजपूतो का नही
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|जीवनसाथी= सुशील कौर}}
 
'''बन्दा सिंह बहादुर''' सिख [[सेनानायक]] थे। उनका जन्म भारद्वाज गोत्र के डोगरा राजपूत परिवार में हुआ था। <ref>{{cite book |author=हरबंस कौर सागू |title= बंदा सिंह बहादुर और सिख राज्य |url=https://books.google.com/books?id=XnPiAAAAMAAJ |year=2001 |publisher=दीप और दीप |page=112 |isbn=9788176293006 |quote=उनके पिता भारद्वाज गोत्र के राजपूत थे}}</ref> उन्होंने 15 साल की उम्र में तपस्वी बनने के लिए घर छोड़ दिया , और उन्हें माधो दास बैरागी नाम दिया गया। उन्होंने गोदावरी नदी के तट पर नांदेड़ में एक मठ की स्थापना की। 1707 में, गुरु गोबिंद सिंह ने दक्षिणी भारत में बहादुर शाह प्रथम बार मिलने का निमंत्रण स्वीकार किया। उन्होंने 1708 में बंदा सिंह बहादुर से मुलाकात की।<ref name="hello">{{citation|url=https://books.google.ca/books?id=OVqP54UEe4QC&pg=PA117|title=Revenge and Reconciliation|author=Rajmohan Gandhi|pages=117–118|access-date=24 अप्रैल 2016|archive-url=https://web.archive.org/web/20160304231022/https://books.google.ca/books?id=OVqP54UEe4QC&pg=PA117|archive-date=4 मार्च 2016|url-status=live}}</ref><ref name=eos>{{cite web |url=http://www.learnpunjabi.org/eos/BANDA%20SINGH%20BAHADUR%20%281670-1716%29.html |last=Ganda Singh |title=Banda Singh Bahadur |website=Encyclopaedia of Sikhism |publisher=Punjabi University Patiala |accessdate=27 January 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150217022740/http://www.learnpunjabi.org/eos/BANDA%20SINGH%20BAHADUR%20(1670-1716).html |archive-date=17 फ़रवरी 2015 |url-status=live }}</ref><ref>{{cite web |url=http://www.britannica.com/EBchecked/topic/51460/Banda-Singh-Bahadur |title=Banda Singh Bahadur |publisher=Encyclopedia Britannica |accessdate=15 May 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130614090946/http://www.britannica.com/EBchecked/topic/51460/Banda-Singh-Bahadur |archive-date=14 जून 2013 |url-status=live }}</ref> भी कहते हैं। उनका मूल नाम बंदा सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह के प्रभाव में [[मुगल|मुगलों]] के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा और [[चार साहिबज़ादे|साहबज़ादों]] की शहादत का बदला लिया। उन्होंने [[गुरु गोबिन्द सिंह]] द्वारा संकल्पित प्रभुसत्ता 'खालसा राज' की राजधानी [[लोहगढ़]] में सिख राज्य की नींव रखी। यही नहीं, उन्होंने [[गुरु नानक|गुरु नानक देव]] और [[गुरु गोबिन्द सिंह]] के नाम से [[सिक्का]] और मोहरें जारी की, निम्न वर्ग के लोगों की उच्च पद दिलाया और हल वाहक किसान-मज़दूरों को ज़मीन का मालिक बनाया।
 
== आरम्भिक जीवन ==