|lc2=tdb|ld2=पंचपरगनिया भाषा
|map=Kudmali language region.svg|mapsize=200px|mapcaption=कुड़माली भाषा का भारत में विस्तार}}
'''कुड़माली भाषा''' [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी भाषा समूह]] से संबंधित एक [[इन्डो-आर्यन भाषा परिवार|इंडो-आर्यन भाषा]] है, इसे '''कुरमाली''' भी कहा जाता है। हालांकि कुछ आधुनिक शोधकर्ताओं का मानना है कि मूल कुुड़मालि भाषा की उत्पत्ति [[हिन्द-आर्यन भाषायें|आर्यन]], [[द्रविड़ भाषा-परिवार|द्रविड़ियन]] या यहां तक कि [[मुण्डा भाषाएँ|मुंडा ऑस्ट्रिक भाषा परिवारों]] में से किसी में भी नहीं देखी जा सकती है।<ref>{{Cite journal|last=Paudyal|first=Netra P.|last2=Peterson|first2=John|date=2020-09-01|title=How one language became four: the impact of different contact-scenarios between “Sadani” and the tribal languages of Jharkhandbook|url=httpshttp://wwwarchive.degruyter.comorg/document/doi/10.1515details/jsallsindhu-2021sabhyatar-2028/htmlbhasha-o-kudmali|journaltitle=JournalSindhu ofSabhyatar SouthBhasha AsianO Languages and LinguisticsKudmali|languagelast=enKIRITI MAHATO|volumedate=7|issue=2|pages=327–358|doi=10.1515/jsall2022-2021-2028|issn=219607-078X22}}</ref><ref>{{Cite book|url=http://archive.org/details/sindhu-sabhyatar-bhasha-o-kudmali|title=Sindhu Sabhyatar Bhasha O Kudmali|last=KIRITI MAHATO|date=2022-07-22}}</ref> यह केवल [[छोटा नागपुर पठार|छोटानागपुर]] में ही नहीं, बल्कि [[ओडिशा|उड़ीसा]] में क्योंझर, [[मयूरभंज]], सुंदरगढ़, बालेसर, जाजपुर, अनगुल, बडबिल, सामबलपुर,[[पश्चिम बंगाल]] के अन्तर्गत [[पुरुलिया]], [[पश्चिम मेदिनीपुर जिला|मिदनापुर]], बंकुरा, [[मालदा जिला|मालदा]], दिनाजपुर के सीमावर्ती इलाकों, जो [[बिहार]] से सटे हैं, एवं छोटानागपुर के [[राँची]], [[हज़ारीबाग|हजारीबाग]], [[गिरीडीह|गिरिडीह]], [[धनबाद]], [[बोकारो]], [[सिंहभूम]], [[जामताड़ा]], [[देवघर]]<ref>{{Cite book|url=https://books.google.com/books/about/Language_and_Literature.html?id=ZxBWUA0esHkC|title=Kudmali is the mother tongue of the Kudmis|pages=119}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.ethnologue.com/language/kyw|title=Ethnologue}}</ref><ref>{{Cite book|url=https://books.google.com/books/about/Know_Your_State_Jharkhand.html?id=3hrzDwAAQBAJ|title=Kudmali Language|pages=277}}</ref> में बोली जाती है। यह भाषा केवल [[कुड़मी महतो]] तक ही सीमित नहीं, बल्कि इनके साथ निवास करने वाले अन्य जातियों के भाव-विनियम का भी साधन है। यह मुख्यतः [[देवनागरी|देवनागरी लिपि]] में लिखी जाती है, परन्तु इसके साहित्य [[बाङ्ला भाषा|बांग्ला]] और [[ओड़िया भाषा|उड़िया]] में भी उपलब्ध है।
कुछ विद्वानों का विचार है कि कुड़माली [[चर्यापद]] की भाषा के सबसे निकट है।<ref>{{Cite book|url=https://books.google.com/books?id=DnVuAAAAMAAJ&q=kurmali&dq=kurmali&hl=hi|title=Jharkhand Movement: Ethnicity and Culture of Silence|last=Basu|first=Sajal|date=1994|publisher=Indian Institute of Advanced Study|isbn=978-81-85952-15-4|language=en}}</ref> व्यापार की बोली के रूप में इसे ''''पंचपरगनिया'''<nowiki/>' ([[बांग्ला]] : পঞ্চপরগনিয়া) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है यह पाँच परगनों में बोली जाने वाली भाषा है।
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