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छो राजपरिवार में योगदान
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; आधुनिक स्थिति अपनी जीविका चलाने के लिए [[खेती]] और [[पशुपालन]] के व्यवसाय से जुड़े ।।<ref>{{Cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/india/2010/12/101229_gujjar_history_skj|title=गुर्जरो का अतीत
|website=बीबीसी हिंदी|language=hindi|access-date=29 दिसंबर 2010}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://chetnamanch.com/national/history-of-gurjar-gurjar-used-to-rule-the-country |title=गुर्जर इतिहास History of Gurjar : देशभर में राज करते थे गुर्जर
|website=चेतना मंच|language=hindi|access-date=13 जनवरी 2023}}</ref> शुरू से देशभक्ति के कारण वर्तमान में [[भारतीय सेना]] में इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है। गुर्जर [[दिल्ली]], [[राजस्थान]], [[हरियाणा]], [[मध्य प्रदेश]], [[उत्तर प्रदेश]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[जम्मू कश्मीर]]<nowiki> जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। राजस्थान में सारे गुर्जर हिंदू हैं। सामान्यत: गुर्जर </nowiki>[[हिन्दू]], [[सिख]], [[मुस्लिम]] आदि सभी धर्मो में देखे जा सकते हैं।{{sfn|Singh|2012 |pp=[https://books.google.com/?id=oscmJoix2IAC&pg=PA51 48 & 51]}}मुस्लिम तथा सिख गुर्जर, हिन्दू गुर्जरो से ही परिवर्तित हुए थे। पाकिस्तान में गुजरावालां, फैसलाबाद और लाहौर के आसपास इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है। गुर्जर समुदाय के पुरूषों एवं महिलाओं ने रियासतकालीन राजव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मेवाड़ रियासत में रामप्यारी का नाम शासनव्यवस्था में जनाना डोढी और बाहरी लोगों के बीच एक कङी माना गया है जबकि जयपुर के महाराजा माधोसिह के रनिवास की बडारन रूपा ने अपने रिश्तेदारों को अच्छे <ref>{{Cite book|title=राजदरबार एवं रनिवास|last=पारीक|first=नंदकिशोर|publisher=रावत पब्लिशर्स|year=1972|location=जयपुर|pages=124}}</ref>अच्छे पद दिलाये एवं संपूर्ण व्यवस्था को हिला रखा था। महाराजा श्री अजीतसिंह जी के शासनकाल में भी लिछमन और तोलाराम नामक दो प्रमुख ओहदेदारो ने राजदरबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
[[श्रेणी:भारत की मानव जातियाँ]]
[[श्रेणी:पाकिस्तान की जातियाँ]]