"पवार": अवतरणों में अंतर

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==परमार वंश की प्रमुख शाखाएं==
 
वराह परमार, सांख्लासांखला परमार, उज्जैनिया परमार, झरमल परमार, बूंटा परमार, चन्ना परमार, मोरी परमार, सुमरा परमार, उमरा परमार, उमट परमार, बीहल परमार, डोडिया परमार, सोढा परमार, नबा परमार, देवा परमार, बजरंग परमार, उदा परमार, महराण परमार, सादुल परमार, हिमाचली/गढ़वाली परमार, अखैराज परमार, जैतमल परमार, सूरा परमार, मधा परमार, धोधा परमार, तेजमालोट परमार, करमिया परमार, भोजपुरिया परमार, विजैराण परमार, नरसिंह परमार, सुरताण परमार, नरपाल परमार, गंगदास परमार, भोजराज परमार, भोजवंशी परमार, आसरवा परमार, जोधा परमार, मैपावत परमार, भायल परमार, भाभा परमार, हुण परमार, सावंत परमार, बारड परमार, सुजान परमार, कुंतल परमार, बलिला परमार, गुंगा परमार, गहलड़ा परमार, सिंधल परमार, नांगल परमार, भोयर पवार, वैनगंगा पोवार, मराठा पवार, गौर पवार, बिंजरावत पवार। झरपला पवार।
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*मध्य भारत के [[बालाघाट]], [[सिवनी]], [[गोंदिया]] और [[भंडारा]] क्षेत्रों में पोवार वंश की '''३६ कुल''' शाखा निवास करती हैं जिसे वैनगंगा पोवार या [[पोवार]] कहा जाता है।
 
*मध्य भारत के [[बैतूल]], [[छिंदवाड़ा]], [[वर्धा]] और [[नागपुर]] क्षेत्रों में परमार वंश की '''७२ कुल''' शाखा निवास करती है जिसे [[भोयर पवार]] या [[भोयर पवार|पंवार]] कहा जाता है।{{NoteTag|'''भोयर''', यह शब्द '''परमार''' शब्द का अपभ्रंश नहीं है, बल्कि यह मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों का स्थानीय नाम है। मध्य भारत के [[बैतूल]], [[छिंदवाड़ा]] और [[वर्धा]] के क्षेत्रों को स्थानिया रूप से '''भोयर-पट्टी''' कहा जाता है, इसलिए याहा रहने वाले पवारों को '''भौयर पवार''' कहा जाता है।}}
 
*पश्चिमी [[महाराष्ट्र]] में पवारो को '''मराठा पवार''' के नाम से जाना जाता है । इन पवार राजपुत सैनिको का छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में एक बोहोत बड़ा योगदान रहा है । ये मराठों के ९६ कूलो में से एक श्रेष्ट कुल है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पवार" से प्राप्त