वर्तनी शुध्दि
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वर्तनी शुध्दि
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*(३) '''वरन्नो''' - युद्ध का वर्णन
 
*(४) '''उपलम्भो''' - उन राजाओं की आलोचना/निन्दा प्रशंसा जो अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके कोई गलत कार्य करते हैं।
 
*(५) '''थेकड़ी''' - किसी महनायक के साथ किए गए विश्वासघात का मजाक उड़ाना
 
*(६) '''मरस्या या विलाप-काव्य''' -- योद्धाओं, संरक्षको, मित्रों या राजा के मृत्योपरान्त शोक व्यक्त करने के लिए रचित काव्य, जिसमें उस व्यक्ति के चारित्रिक गुणों के अलावा अन्य क्रिया-कलापों का वर्णन किया जाता है।
 
*(७) प्रेमकथाएँ
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चारणी साहित्य का एक अन्य वर्गीकरण यह है-
* '''ख्यात''' : राजस्थानी साहित्य के इतिहासपरक ग्रन्थ जिनको रचना तत्कालीन शासकों ने अपनी प्रशंसा , मान-मर्यादा एवं वंशावली के चित्रण हेतु करवाई। उदाहरण - मुहणोत नैणसी री ख्यात, दयालदास को बीकानेर रां राठौड़ा री ख्यात आदि।
 
* '''वंशावली''' : इस श्रेणी की रचनाओं में राजवंशों की वंशावलियाँ विस्तृत विवरण सहित लिखी गई हैं, जैसे राठौड़ा री वंशावली, राजपूतों री वंशावली आदि।