"कुमावत": अवतरणों में अंतर
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|first=S. K. |last=Mandal |chapter=Kumawat |editor-first=Kumar Suresh |editor-last=Singh |editor-link=Kumar Suresh Singh |year=1998 |pages=562–564 |isbn=978-8-17154-769-2 |access-date=13 जुलाई 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150714032357/https://books.google.co.in/books?id=vm_KCE4XXPMC&pg=PA565 |archive-date=14 जुलाई 2015 |url-status=live }}</ref>
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राजस्थान
== उत्पत्ति ==
[[स्कंदपुराण ]] के नागर खंड में एवं [[श्री विश्वकर्मा पुराण]] में शिल्पियों का वर्णन मिलता हैं जो भगवान [[श्री विश्वकर्मा पुराण|विश्वकर्मा]] के पांचों संतानों मनु, मय,त्वष्ठा,शिल्पी(वास्तु) और देवज्ञ में से महर्षि शिल्पी(महर्षि वास्तु) के अनुयायी/ वंशज ही शिल्पकार समुदाय(वर्तमान में कुमावत) से संबंधित हैं।<ref>{{Cite web|url=http://www.gitapress.org/hindi/Search_result.asp|title=Online Hindu Spiritual Books,Hinduism Holy Books,Hindu Religious Books,Bhagwat Gita Books India|date=2010-06-25|website=web.archive.org|access-date=2024-02-26|archive-date=25 जून 2010|archive-url=https://web.archive.org/web/20100625064938/http://www.gitapress.org/hindi/Search_result.asp|url-status=bot: unknown}}</ref>
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