"दमादम मस्त क़लन्दर": अवतरणों में अंतर
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नया पृष्ठ: '''दमादम मस्त क़लन्दर''' भारतीय उपमहाद्वीप का एक अत्यंत लोकप्रिय ... |
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दम-दम में मस्त फ़क़ीर, हर सांस में रब!<br>
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इनमें से एक छंद में झूले लाल की बढ़ाई की गयी है और दूसरे में कहा गया है के एक दुखियारी औरत उनके मज़ार पर हाज़री देने आई है और उनके लिए दिया जला रही है. फिर संत की ख्याति और उनके रोज़े का वर्णन किया गया है और कहा गया है के ये बच्चे मांगने वालों को बच्चे देते हैं. पूरे गाने में ऐसे और भी काफ़ी छंद आते हैं. जिन मशहूर गायकों नें इसे गया है वह कुछ छंद चुन कर सीमित गाना ही गाते हैं.
==इन्हें भी देखें==
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