"सहस्वानिकी": अवतरणों में अंतर
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[[भाषाविज्ञान]] में '''सहस्वानिक ध्वनियाँ''', जिन्हें अंग्रेज़ी में एल्लोफ़ोन (allophone) कहा जाता है, वह ध्वनियाँ होती हैं जो किसी भाषा के बोलने वालों के लिए एक ही [[वर्ण]] या वर्ण-समूह को बोलने के भिन्न तरीक़े हों. सहस्वानिकी में बोलने वालों को स्वयं ज्ञात नहीं होता के वह एक ही वर्ण को अलग-अलग प्रकार से उच्चारित कर रहें हैं. उदहारण के तौर पर अंग्रेज़ी में 'ट', 'त', 'थ' और 'ठ' में सहस्वनिकी होती है. अंग्रेज़ी मातृभाषी (जो हिंदी ना जानते हों) 'ताली', 'थाली', 'टाली' और 'ठाली' में अक्सर फ़र्क नहीं बता सकते क्योंकि उनके लिए यह सारे स्वर अंग्रेज़ी अक्षर 't' से समन्धित हैं और उन्हें सब एक ही जैसे सुनाई देते हैं. उसे तरह हिंदी में 'v' और 'w' सहस्वनिक ध्वनियाँ होती हैं. हिंदी मातृभाषी अक्सर 'wow' (यानि 'वाह!') और 'vow' (यानि 'शपथ') को एक जैसा उच्चारित करते हैं, जो अंग्रेज़ी में ग़लत है.
==इन्हें भी देखें==
*[[अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला]]
*[[स्वानिकी]]
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