"रूना लैला": अवतरणों में अंतर

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रुना लैला का जन्म पूर्वी बंगाल के [[सिलहट]] शहर में १७ नवम्बर १९५२ को हुआ जब उस क्षेत्र का नाम पूर्वी पाकिस्तान था (जो की १९७१ में जाकर बंगलादेश बना)। उनके पिता [[राजशाही]] शहर के थे। जब वे छोटी बच्ची थीं, एक संगीत के उस्ताद घर आकर उनकी बड़ी बहन दीना लैला को संगीत सिखाया करते थे। रूना छोटी थीं लेकिन देखा-देखी सहजता से ही उन्होंने संगीत सीख लिया। रूना लैला की असली रूचि नृत्य के साथ थी, और उन्होंने कत्थक, भरतनाट्यम और कथाकली में तालीम हासिल की। १९६० में उनकी प्रारंभिक संगीत शिक्षा [[कराची]] में हुई जहां उनका परिवार आ बसा था। उनके गुरु उस्ताद कासिम थे, जो बाद में 'पिया रंग' के नाम से जाने जाते थे। अन्य बंगाली परिवारों की तरह रुना लैला के परिवार में भी कला पर ज़ोर था।
 
जब रुना १२ साल की थीं, संगीत निर्देशक मंज़ूर हुसैन ने उन्हें पाकिस्तानी फ़िल्म 'जुगनू' में गाने के लिए चुना। मंज़ूर साहब का प्रभाव रुना लैला अभी तक मानती हैं जिन्होंने रुना को मेहनत करने और उत्तमता की और जाने के लिए मजबूर किया। सिर्फ़ यह कहने की बजाये के रुना की आवाज़ अच्छी है, उन्होंने रूना को अपनी ख़ामियों पर काम करने के लिए मजबूर किया। उन दिनों में यह तकनिकी सुविधा उपलब्ध नहीं थी के गायक की ग़लतियों को बाद में ठीक कर के अलग से कंप्यूटर के ज़रिये संगीत से मिश्रित किया जा सके। सारा आरकेस्ट्रा इक्कठा गायक के साथ रिकार्डिंग करता था और अगर कोई भी ग़लती हो तो सब से सब को शुरू से फिर शुरू करना पड़ता था।<ref>Anjana Ranjan, "[http://www.hinduonnet.com/thehindu/thscrip/print.pl?file=2005111802670500.htm&date=2005/11/18/&prd=fr& Laila and her lilting ditties]", ''The Hindu'', 2005-18-11</ref> उन्होंने मशहूर पाकिस्तानी पार्श्वगायक अहमद रश्दी से बहुत प्रेरणा ली और बाद में रुना की उनसे कईं गानों में जुगलबंदी भी हुई।
 
==इन्हें भी देखें==