"जैव ईंधन": अवतरणों में अंतर

छो जैव इंधन का नाम बदलकर जैव ईंधन कर दिया गया है: वर्तनी गलत है.
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===जैव उर्जा के दोष===
*ईंधन को एकत्रित करने में कड़ी मेहनत।
*खाना बनाते समय और घर में रोशनदानी (वेंटीलेशन) नहीं होने के कारण गोबर से बनी ईंधन वातावरण को प्रदूषित करती है जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा होता है।
*जैव ईंधन के लगातार और पर्याप्त रूप से उपयोग न करने के कारण वनस्पति का नुकसान होता है जिसके चलते पर्यावरण के स्तर में गिरावट आती है।
 
 
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जैव ईंधन उपयोग की क्षमता निम्नलिखित विधियों से बढ़ाई जा सकती है-
 
*विकसित डिज़ाईन के स्टोवों का उपयोग, जो क्षमता को दोगुणा करता है जैसे धुँआ रहित ऊर्जा चूल्हा।
*बायो मास को कम्प्रेस करते हुए ब्रिकेट के रूप में बनाये रखना ताकि वह कम स्थान ले सके और अधिक प्रभावी ढ़ग से कार्य कर सके।
*जैव वस्तुओं को एनारोबिक डायजेशन के माध्यम से बायोगैस में रूपांतरित करना जो न केवल ईंधन की आवश्यक्ताओं को पूरा करता है बल्कि खेतों को घुलनशील खाद भी उपलब्ध कराता है।
*नियंत्रित वायु आपूर्ति के अंतर्गत बायो मास के आंशिक दहन के माध्यम बायो मास को उत्पादक गैस में रूपांतरित करना।