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'''संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र''' (United Nations Charter) वह पत्र है जिसपर 50 देशों के हस्ताक्षर द्वारा [[संयुक्त राष्ट्र]] स्थापित हुआ । अक्सर इस पत्र को संविधान माना जाता है, पर स्त्यवास्तव में यह एक संधि है । इसपरइस पर अवश्यक 50 हस्ताक्षर 26 जून 1945 को हुए, पर संयुक्त राष्ट्र वास्तव में 24 अक्तूबर 1945 को स्थापित हुआ, जब पांच मुख्य संस्थापक देशों ने ([[चीन|चीन गणराज्य]], [[फ़्रांस]], [[संयुक्त राज्य]], [[संयुक्त राजशाही]], और [[सोवियत संघ]]) ने इस पत्र को स्वीकृत किया ।
==पत्रअधिकारपत्र का संगठन==
इस अधिकारपत्र का संगठन कुछ-कुछ संयुक्त राज्य कीके संविधान जैसा है । पत्र का प्रारंभ एक प्रस्तावना से होता है । बाकी का पत्र अध्यायों में विभाजित है ।
अध्याय 1 ः: संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों का अर्पण । इनमें से दो अहम अद्दुश्य है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा ।
अध्याय 2 ः: संयुक्त राष्ट्र के सदस्य बनने की कसौटियों का अर्पण ।
अध्याय 3 से 15 ः: संयुक्त राष्ट्र के अलग-अलग अंगों और संस्थाओं तथा उनके अधिकारों का विवरण ।
अध्याय 16 एवं 17 ः: संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के पहले के अंतर्राष्ट्रीय कनूनों का संयुक्त राष्ट्र के साथ जोड़ने की प्रक्रिया ।
अध्याय 18 से 19 ः इस अधिकारपत्र के संशोधन और दृढ़ीकरण की प्रक्रियाएं ।
इनमें से कुछ अहम अध्याय ः:
अध्याय 6 ः: [[सुरक्षा परिषद]] का अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों को जांचने और सुलझाने का अधिकार ।
अध्याय 7 ः: संघर्षों को सुलझाने के लिए सुरक्षा परिषद की आर्थिक, राजनयिक और सामरिक योग्यताएं ।
अध्याय 9 एवं 10 ः आर्थिक और सामाजिक सहयोग में संयुक्त राष्ट्र का अधिकार, और इस अधिकार का प्रबंध करने वाली [[आर्थिक एवं सामाजिक परिषद]] का विवरण ।
अध्याय 12 एवं 13 ः: उपनिवेशों को स्वतंत्र करने का प्रबंध ।
अध्याय 14 ः: [[अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय]] के अधिकार ।
अध्याय 15 ः: [[सचिवालय]] के अधिकार ।
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