"प्रतिदीप्ति": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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तंतुवाले दीपक तथा गैस के मैंटल बत्तीवाले दीपक आदि इस कारण प्रकाश उत्सर्जित करते हैं कि उच्च ताप पर तंतु तथा मैंटल में तापदीप्ति (incandescence) उत्पन्न हो जाती है। पर कुछ अन्य विधियाँ भी हैं जिनसे वस्तुएँ प्रकाश उत्सर्जित कर सकती हैं। उदाहरणस्वरूप, कुछ पदार्थो पर अदृश्य पराबैंगनी किरणों के, अदृश्य कैथोड किरणों के, अदृश्य एक्स किरणों के अथवा अदृश्य रेडियोऐक्टिव विकिरण के पड़ने से वे प्रकाश उत्सर्जित करने लगते हैं। कुछ रासायनिक अभिक्रियाओं में भी प्रकाश निकलता है। इस सब प्रभावों को प्रकाशसंदीप्ति के लिये प्राथमिक उत्तेजन कई स्रोतों, जैसे प्रकाश, यांत्रिक तनाव, रासायनिक अभिक्रिया, ऊष्मा, विद्युत् ऊर्जा, नाभिकीय विकिरण आदि, से प्राप्त हो सकता है। नाभिकीय विकिरण द्वारा उत्सर्जित संदीप्ति पदार्थो में उत्तेजन तथा आयनीकरण की क्रिया द्वारा होती है।
प्रकृति में कई ऐसे पदार्थ पाए जाते है , जिन पर जब उच्च आवृत्ति या निम्न तरंग दैर्ध्य का प्रकाश ( जैसे पराबैगनी प्रकाश ) डाला जाता है तो ये उसे अवशोषित कर अंदर से अपेक्षाकृत निचली आवृत्ती या उच्च तरंग दैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित करते है। उनके द्वारा प्रकाश का उत्सर्जन तभी तक होता है , जब तक उन पर प्रकाश डाला जाता
==इंहें भी देखें==
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