"थाइसेनोप्टेरा": अवतरणों में अंतर

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{{वार्ता शीर्षक}}[[चित्र:Thysanoptera.jpg|right|thumb\300px|थाइसेनोप्टेरा गण के कीट]]
'''थाइसेनोप्टेरा''' (Thysanoptera) [[कीट|कीटों]] का छोटा गण है। ये कीट अंग्रेजी भाषा में थ्रिप्स (thrips) कहलाते हैं। ये स्वभाव से चपल, कोमल शरीरधारी और सूक्ष्म आकार के, अर्थात्‌ प्राय: १/२० से लेकर १/३ इंच तक के, होते हैं। इनकी प्रमुख विशेषता है पंखों के किनारों का झालरदार होना और इसीलिये इस वर्ग का नाम झल्लरीपक्ष भी पड़ा है। इनका मुखांग पौधों के कोमल भागों को छिन्न भिन्न करने और उनके रसको चूसने के अनुकूल बना होता है। मुखांगों में सममिति (symmetry) नहीं होती। चिबुकास्थि (mandible) बहुत ही क्षीण अथवा अनुपस्थित होती है। कुछ जातियों में नर या मादा ही पक्षहीन होते हैं और कुछ जातियों में नर तथा मादा दोनों ही पक्षहीन होते हैं। पक्षयुक्त झल्लरीपक्ष कीटों में चार पक्ष होते हैं, जिनका पार्श्वभाग झालरदार होता है। अंडे पौधों के तंतुओं, अथवा अन्य किसी जाति के कीटों के शरीर में दिए जाते हैं। अंडे देते समय नुकीला अंड निक्षेपक अंग (ovipositor) पौधे या कीट के शरीर में घुसेड दिया जाता है और अंडे दे दिए जाते हैं। झल्लरीपक्ष कीटों में अर्द्ध रूपांतरण होता है। लार्वा (larva) वयस्क बनने के पूर्व शांत प्यूपा (pupa) जैसी अवस्था में रहता है।