"लाहौल और स्पीति जिला": अवतरणों में अंतर
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==यातायात==
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लाहौल [[अवधाव]] एवं [[भूस्खलन]] के लिए प्रसिद्ध है, और इस कारण कई यात्री इस रास्ते से गुजरते हुए मारे गए हैं। अपनी स्थानीय महत्वता के कारण यहां बनी नई पक्की सड़क को मई से नवम्बर तक खुला रखा जाता है जो कि लद्दाख तक जाती है। रोहतांग दर्रे के नीचे एक सुरंग बनाई जा रही है जिसकी २०१२ तक पूरी होने की आशा है। हर साल, [[आलू]] एवं [[मटर]], जो कि अब यहां की प्रमुख फसल है, बड़ी तादाद में रोहतांग दर्रे के रास्ते मनाली भेजी जाती है।
स्पीति से दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत के लिए और भी दर्रे हैं किन्तु वो अब भारत एवं तिब्बत के मध्य बन्द सीमा के कारण बन्द कर दिए गए हैं। यहां से एक सड़क पश्चिम को जम्मु की तरफ़ किश्तवाड़ से गुजरती है।
कुन्जोम दर्रा (४५५० मी• ऊंचाई पर स्थित) लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से अलग करता है। एक सड़क लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से जोड़ती है किन्तु सर्दियों एवं वसंत ऋतु में भारी हिमपात के कारण यह रास्ता बंद हो जाता है।
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==मौसम==
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अपनी ऊंचाई के कारण लाहौल और स्पीति में सर्दियों में बहुत ठंड होती है। गर्मियों में मौसम बहुत सुहावना होता है। शीतकाल में ठंड के कारण यहां बिजली व यातायात की बेहद कमी हो जाती है जिस कारण यहां पर्यटन में भारी कमी हो जाती है। हालांकि स्पीति पूरे साल शिमला से काज़ा पुराने भारत-तिब्ब्त के रास्ते से अभिगम्य होता है। उधर लाहौल जून तक अभिगम्य नहीं होता परन्तु दिसम्बर से अप्रैल के बीच साप्ताहिक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।
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== बाहरी कड़ियां ==
*[http://lahuli.blogspot.com/2010/02/blog-post.html फसल व उर्वरता का पर्व ''''योर'''']
[[श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के जिले]]▼
{{हिमाचल प्रदेश के जिले }}
▲[[श्रेणी:हिमाचल प्रदेश के जिले]]
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[[ca:Districte de Lahul i Spiti]]
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