"दास कैपिटल": अवतरणों में अंतर

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{{वार्ता शीर्षक}}[[चित्र:Kapital titel bd1.png|right|200px|thumb|'''दास कैपिटल''' का पहला पन्ना]]
'''दास कैपिटल''' ([[जर्मन भाषा|जर्मन]] में Das Kapital; हिन्दी अर्थ - पूंजीं) एक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक है। इसकी रचना [[कार्ल मार्क्स]] ने [[1867]] ई. में की थी। इसमें पूंजी एवं [[पूँजीवाद]] का विश्लेषण है तथा मजदूरवर्ग को शोषण से मुक्त करने के उपाय बताये गए हैं। इस पुस्तक के द्वारा एक सर्वथा नवीन विचारधारा प्रवाहित हुई जिसने संपूर्ण प्राचीन मान्यताओं को झकझोर कर हिला दिया। इस पुस्तक के प्रकाशित होने के कुछ ही वर्षों के बाद [[रूस]] में [[साम्यवाद|साम्यवादी]] क्रांति हुई।