"द्विपद नामपद्धति": अवतरणों में अंतर

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यदि जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों का वर्गीकरण न हुआ होता तो आज उनका अध्ययन करना कितना जटिल होता, इस बात की सहज ही कल्पना की जा सकती है। आज जीव विज्ञान हो या फिर वनस्पति विज्ञान दोनों ही विषयों में जीवों और वनस्पतियों का अध्ययन वर्गीकरण के आधार पर किया जाता है। जन्तुओं और पादपों की प्रजाति, वंश, वैज्ञानिक नाम और ऐसी ही अनेक जानकारी देने वाली वर्गीकरण व्यवस्था के जनक कार्ल लिनियस एक अत्यंत प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे।
आज जन्तु विज्ञान में जो भी कुछ है, उसमें वर्गीकरण की अद्वितीय भूमिका है-इसके बिना इस क्षेत्र में वृहतर ज्ञान संभव नहीं था। लिनियस द्वारा दी गई वर्गीकरण व्यवस्था चिकित्सा जगत में भी काफी मददगार साबित हुई और चिकित्सा विज्ञानी जीव-जन्तुओं तथा पेड़-पौधों के वर्गीकरण के आधार पर बहुत सी खोज करने में कामयाब रहे। आज पेड़-पौधों को समझने का काम वर्गीकरण के जरिए ही किया जाता है - वर्गीकरण प्रणाली से ही वनस्पतियों की प्रजाति, कुल और वैज्ञानिक नाम के बारे में पता चलता है। किसी भी जीव या वनस्पति को परिभाषित करते समय सबसे पहले उसके वर्गीकरण का ही जिक्र किया जाता है।
 
 
==नामकरण के नियम ==
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==कुछ जन्तुओं के वैज्ञानिक नाम==
गाय ( Cow ) -- Bos primigenius taurus<br>
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बनमानुप ( Gorrilla ) -- <br>
बारहसिंहा ( Stag ) -- <br>
मृग / हिरन ( Deer ) -- <br>
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[त्रिपद नामकरण]]
* [[संकर नाम]]
* [[आईयूपीएसी नामकरण]] - रसायनों के नाम की वैज्ञानिक पद्धति
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[[श्रेणी:वैज्ञानिक नामकरण]]
[[श्रेणी:जंतुवैज्ञानिक नामकरण]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
 
[[af:Binomiale naam]]