"अपरा विद्या": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
उत्तम लेख |
No edit summary |
||
पंक्ति 1:
{{वार्ता शीर्षक}}[[उपनिषद्]] की दृष्टि में '''अपरा विद्या''' निम्न श्रेणी का ज्ञान मानी जाती हैं। [[मुंडक उपनिषद्]] (1/1/4) के अनुसार विद्या दो प्रकार की होती है-
(1) परा विद्या (श्रेष्ठ ज्ञान) जिसके द्वारा अविनाशी ब्राह्मतत्व का ज्ञान प्राप्त होता है (सा परा, यदा तदक्षरमधिगम्यते),
|