{{वार्ता शीर्षक}}{{वार्ता शीर्षक}}'''कुमारिल भट्ट''' (लगभग ६५० ई) [[मीमांसा|मीमांसा दर्शन]] के दो प्रधान संप्रदायों में से एक भाट्ट संप्रदाय के संस्थापक थे। उन्होने [[बौद्ध धर्म]] को [[भारत]] से समूल उखाड़ने के लिए बौध्दिक दिग्विजय का दिव्य अभियान चलाया। कुमारिल भट्ठ ने जो आधार तैयार किया उसी पर [[आदि शंकराचार्य]] विशाल भवन उठाया।