"दीपावली मेला": अवतरणों में अंतर

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{{वार्ता शीर्षक}}[[नानकमत्ता साहिब]] ऐतिहासिक महत्व का [[सिख|सिक्खों]] का सुविख्यात धार्मिक स्थान होने के साथ-साथ यहाँ लगने वाला '''दीपावली का मेला''' भी इस क्षेत्र का विशालतम मेला माना जाता है। इसमे 5 से 10 लाख लोगों की भीड़ जमा होती है। गुरूद्वारा श्री [[नानकमत्ता साहिब]] [[उत्तराखण्ड]] के [[ऊधमसिंहनगर]] जिले में स्थित है। यह [[दिल्ली]] से 275 किमी दूर है तथा [[मुरादाबाद]] से 130 किमी दूर है। अन्तिम रेलवे स्टेशन रुद्रपुर-सिटी और छोटी लाइन का स्टेशन खटीमा या किच्छा है। यह रुद्रपुर-सिटी से 58 किमी, खटीमा से 16 किमी तथा किच्छा से 38 किमी है।
 
दस दिनों तक चलने वाले मेले का दीपावली से दो दिन पूर्व शुभारम्भ हो जाता है। तीन दिनों तक तो सिख-पन्थ से लोगों के द्वारा बड़े-बड़े दीवान आयोजित किये जाते हैं। जिनमें उच्च कोटि के धार्मिक व्याख्यानकर्ता तथा रागी अपने भजन-कीर्तन तथा व्याख्यान देते हैं। इसके बाद आदिवासी [[रानाथारू जनजाति]] के लोगों के साथ-साथ इस क्षेत्र के सभी धर्मों के लोग और दूर-दराज से आने वाले दर्शनार्थियों का ताँता लगा रहता है।