"क्रमचय-संचय": अवतरणों में अंतर

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{{वार्ता शीर्षक}}'''क्रमचय-संचय''' (Combinatorics) [[गणित]] की शाखा है जिसमें गिनने योग्य [[विवर्त]] (discrete) संरचनाओं ( structures) का अध्ययन किया जाता है।
 
[[शुद्ध गणित]], [[बीजगणित]], [[प्रायिकता सिद्धांत]], [[टोपोलोजी]] तथा [[ज्यामिति]] आदि गणित के विभिन्न क्षेत्रों में क्रमचय-संचय से संबन्धित समस्याये पैदा होतीं हैं। इसके अलावा क्रमचय-संचय का उपयोग [[इष्टतमीकरण]] (आप्टिमाइजेशन), [[संगणक विज्ञान]], एर्गोडिक सिद्धांत (ergodic theory) तथा [[सांख्यिकीय भौतिकी]] में भी होता है। [[ग्राफ सिद्धांत]], क्रमचय-संचय के सबसे पुराने एवं सर्वाधिक प्रयुक्त भागों में से है। ऐतिहासिक रूप से क्रमचय-संचय के बहुत से प्रश्न विलगित रूप में उठते रहे थे और उनके तदर्थ हल प्रस्तुत किये जाते रहे। किन्तु बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में शक्तिशाली एवं सामान्य सैद्धांतिक विधियाँ विकसित हुईं और क्रमचय-संचय गणित की स्वतंत्र शाखा बनकर उभरा।