"अज्ञेयवाद": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1:
[[भारतीय दर्शन]] के संभवतः किसी भी संप्रदाय को अज्ञेयवादी नहीं कहा जा सकता। वस्तुतः भारत में कभी भी संदेहवाद एवं अज्ञेयवाद का व्यवस्थित प्रतिपादन नहीं हुआ। [[न्याय दर्शन|नैयायिक]] सर्वज्ञेयवादी हैं, और [[नागार्जुन]] तथा श्रीहर्ष जेसे मुक्तिवादी भी पारिश्रमिक अर्थ में संशयवादी अथवा अज्ञेयवादी नहीं कहे जा सकते।
|