"गिलगमेश": अवतरणों में अंतर

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{{वार्ता शीर्षक}}[[चित्र:GilgameshTablet.jpg|right|thumb|300px|कीलनुमा अक्षरों में गीली ईंटों पर लिखा जलप्रलय वीरकाव्य '''गिलगमेश''']]
'''गिलगमेश''', प्राचीन [[सुमेर|सुमेरी]] वीरकाव्य और उसके नायक का नाम। गिलगमेश उस काव्य में जलप्रलय की कथा मनु और नूह के अग्रवर्ती अपने पूर्वज जिउसुद्दू के मुख में सुनता है कि किस प्रकार उसने प्रलय के अवसर पर जीवों के जोड़े अपनी नौकाओं में एकत्र कर उनकी रक्षा की थी। सुमेरी बाबुली परंपरा की वह कहानी गिलगमेश महाकाव्य में सुमेरी कीलनुमा अक्षरों में गीली ईंटों पर लिखी सातवीं सदी ई. पू. के असुर सम्राट् असुर बनिपाल के निनेवे के संग्रहालय से मिली है। जलप्रलय की कथा का नायक गिलगमेश का पूर्वज जिउसुद्दू है पर वीरकाव्य का नायक स्वयं गिलगमेश है। विद्वानों का मत है कि जलप्रलय 3200 ई. पू. के लगभग हुआ था और उसका पहला उल्लेख नुर निनसुबुर ने 1984 ई. पू. के लगभग कराया था।