{{वार्ता शीर्षक}}[[वैदिक साहित्य]] का यह महत्वपूर्ण शब्द [[ऋग्वेद]] की [[संहिता]] में गीत या [[मंत्र]] के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है (ऋग्वेद 8।32।1, 8।71।14)। गै (गाना) धातु से निष्पन्न होने के कारण गीत ही इसका व्युत्पत्तिलभ्य तथा प्राचीनतम अर्थ प्रतीत होता है।