{{वार्ता शीर्षक}}{{वार्ता शीर्षक}}'''तपस्''' या '''तप''' का मूल अर्थ था [[प्रकाश]] अथवा प्रज्वलन जो [[सूर्य]] या [[अग्नि]] में स्पष्ट होता है। किंतु धीरे-धीरे उसका एक रूढ़ार्थ विकसित हो गया और किसी उद्देश्य विशेष की प्राप्ति अथवा आत्मिक और शारीरिक अनुशासन के लिए उठाए जानेवाले दैहिक कष्ट को तप कहा जाने लगा।