"नागरीप्रचारिणी सभा": अवतरणों में अंतर

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===स्वर्ण जयंती और हीरक जयंती===
संवत् २००० वि. में सभा ने महाराज विक्रमादित्य की द्विसहस्स्राब्दी तथा अपनी स्वर्णजयंतियाँ और जीवन के ६० वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में सं. २०१० में अपनी हीरकजयंती के आयोजन बड़े समांरभपूर्वक किए। इन दोनों आयोजनों की सर्वाधिक उल्लेखनीय विशेषता यह रही की ये आयोजन उत्सव मात्र नहीं थे, प्रत्युत इन अवसरों पर सभा ने बड़े महत्वपूर्ण, ठोस तथा रचनात्मक कार्यों का समारंभ किया। उदाहरणार्थ, स्वर्णजयंती पर सभा ने अपना ५० वर्षों का विस्तृत इतिहास तथा नागरीप्रचारिणी पत्रिका का विक्रमांक (दो जिल्दों में) प्रकाशित किया। ५० वर्षों की खोज में ज्ञात सामग्री का विवरण एवं [[भारत- कला भवन]] तथा [[आर्यभाषा पुस्तकालय]] में संगृहीत सामग्री की व्यवस्थित सूची प्रकाशित करने की भी उसकी योजना थीं, किन्तु ये कार्य खंडशः ही हो पाए। परिव्राजक स्वामी, सत्यदेव जी ने अपना आश्रम सत्यज्ञान निकेतन इसी अवसर पर देश के पश्चिमी भागों में प्रचार कार्य का केंद्र बनाने के निमित्त, सभा को दान कर दिया। इसी प्रकार हीरक जयंती पर सभा के ६० वर्षीय इतिहास के साथ हिंदी तथा अन्यान्य भारतीय भाषाओं के साहित्य का इन ६० वर्षों का इतिहास, नारीप्रचारिणी पत्रिका का विशेषांक, [[हिंदी शब्दसागर]] का संशोधन-परिवर्धन तथा आकर ग्रंथों की एक पुस्तकमाला प्रकाशित करने की सभा की योजना थी। यथोचित राजकीय सहयोग भी सभा को सुलभ हुआ, परिणामतः सभा ये कार्य सम्यक् रूप से संपन्न कर रही है।
 
उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त '''[[हिन्दी विश्वकोश]]''' का प्रणयन सभा ने केंद्रीय सरकार की वित्तीय सहायता से किया है। इसके बारह भाग प्रकाशित हुए हैं। [[हिंदी शब्दसागर]] का संशोधन-परिवर्धन केंद्रीय सरकार की सहायता से सभा ने किया है जो दस खंडों में प्रकाशित हुआ है। यह हिंदी का सर्वाधिक प्रामाणिक तथा विस्तृत कोश है। दो अन्य छोटे कोशों 'लघु शब्दसागर' तथा 'लघुतर शब्दसागर' का प्रणयन भी छात्रों की आवश्यकतापूर्ति के लिए सभा ने किया है। सभा देवनागरी लिपि में भारतीय भाषाओं के साहित्य का प्रकाशन और हिंदी का अन्य भारतीय भाषाओं की लिपियों में प्रकाशित करने के लिए योजनाबद्ध रूप से सक्रिय हैं। [[प्रेमचंद]] जी के जन्मस्थान [[लमही]] (वाराणसी) में उनका एक स्मारक भी बनवाया है।
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'''इस प्रकार भारतेंदु युग के अनंतर हिंदी साहित्य की जो उल्लेखनीय प्रवृत्तियाँ रही हैं उन सबके नियमन, नियंत्रण और संचालन में इस सभा का महत्वपूर्ण योग रहा है।'''
 
==सदर्भ ग्रन्थ==
'''सदर्भ ग्रन्थ''' - अर्धशताब्दी इतिहास, नागरीप्रचारिणी सभा, काशी : हीरकजयंती ग्रंथ, वही; नारीप्रचारिणी सभा, काशी के वार्षिक विवरण सं. २०११ से लेकर २०१९ तक।
*अर्धशताब्दी इतिहास, नागरीप्रचारिणी सभा, काशी
*हीरकजयंती ग्रंथ, वही;
'''सदर्भ ग्रन्थ''' - अर्धशताब्दी इतिहास, नागरीप्रचारिणी सभा, काशी : हीरकजयंती ग्रंथ, वही; *नारीप्रचारिणी सभा, काशी के वार्षिक विवरण सं. २०११ से लेकर २०१९ तक।
 
==इन्हें भी देखें==