"घिरनी": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Flachriemen.png|right|thumb|250px|समतल घिरनी और उस पर लगा हुआ पट्टा]]
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'''घिरनी''' (Pulleys) एक गोल रंभ है, जिससे मशीन की शक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। यदि किसी [[खराद]] (lathe) को इंजन से चलाना है, तो इंजन की घिरनी और खराद की घिरनी पर [[पट्टा]] चढ़ाकर इंजन की शक्ति से खराद को चलाते हैं। घिरनी के व्यास से ही मशीनों की गति को कम या ज्यादा किया जा सकता है। मशीनों की शक्ति को बिना किसी हानि के तो दाँतोंवाले चक्रों (गीयर) से ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, परंतु जहाँ इन स्थानों में दूरी अधिक हो वहाँ इन चक्रों का उपयोग नहीं हो सकता। इन्हीं स्थानों पर घिरनियों का उपयोग होता है। इनपर चमड़े के पट्टों या रस्सों को चढ़ाकर एक घिरनी से दूसरी घिरनी को शक्ति दी जाती है। घिरनी केवल बल की दिशा में परिवर्तन करती है, बल के परिमाण में नहीं। (इसका [[यांत्रिक लाभ]] १ या १ से कम होगा)।
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