"जलयान": अवतरणों में अंतर

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जलयान झीलों, समुद्रों एवं नदियों में चलते हैं। इन्हें अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जाता है; जैसे - लोगों को लाने-लेजाने के लिये, सामान ढोने के लिये, मछली पकडने के लिये, मनोरंजन के लिये, तटों की देखरेख एवं सुरक्षा के लिये तथा युद्ध के लिये।
 
 
जहाज समुद्र के आवागमन तथा दूर देशों की यात्रा के लिये जिन बृहद् नौकाओं का उपयोग प्राचीनकाल से होता आया है उन्हें जहाज कहते है। पहले जहाज अपेक्षाकृत छोटे होते थे तथा लकड़ी के बनते थे। प्राविधिक तथा वैज्ञानिक उन्नति के आधुनिक काल में बहुत बड़े, मुख्यत: लोहे से बने तथा इंजनों से चलनेवाले जहाज बनते हैं।
 
 
== आधुनिक जहाजों का वर्गीकरण ==
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'''(घ) टंकी जहाज (Tankers)''' इनमें पेट्रोल, इर्धंन, तेल, गुड़ का शीरा आदि भरकर ले जाया जाता है। अत: इनकी रचना में अधिकतर टंकियों का ही भाग रहता है और तरल पदार्थों को निकालने के लिये जहाँ तहाँ पंप भी लगे होते हैं। इन जहाजों में इंजन सबसे पिछले भाग में लगाया जाता है, जिससे पेट्रोल आदि में आग लगने की आशंका न रहे। इनमें क्रेन बिलकुल नहीं होते, बल्कि इनके आगे के सिरे से पीछे के सिरे तक एक लंबा पुल अवश्य बनाया जाता है, जिससे समुद्र की लहरों का पानी डेक पर आ जाने के समय कार्यकर्ता एक सिरे से दूसरे सिरे तक आ जा सकें।
 
 
== युद्ध संबंधी जहाज ==
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== तटवर्ती तथा नदी में उपयोगी नौकाएँ ==
इस वर्ग में डूबते हुए जहाजों को निकालनेवाले पोत (Dredgers and Tugs) समुद्री तार बिछाने तथा उनकी मरम्मत करनेवाले (Cable Ships), तटवर्ती यात्रोपयोगी छोटे जहाज (Steamers), भोजन सामग्री ले जानेवाले (Frozen Meat Carriers), मत्स्य नौकाएँ (Trawlers) और घाट-यान-नौकाएँ (Ferries) आदि मुख्य हैं।
 
 
== जहाज के ढाँचों पर पड़नेवाले प्रतिबल (stresses) ==
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[[श्रेणी:जलयान]]
[[श्रेणी:यातायात]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
 
[[an:Barco]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/जलयान" से प्राप्त