"सर्वांगसमता": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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[[ज्यामिति]] में बिन्दुओं के दो समुच्चय को परस्पर '''सर्वांगसम''' (congruent) कहते हैं यदि उनमें से किसी एक समुच्चय को स्थानान्तरण (translation), [[घूर्णन]] (rotation), परावर्तन (reflection) या इनके मिश्रित क्रियाओं के द्वारा परिवर्तित करने पर दूसरा समुच्चय प्राप्त किया जा सके। सर्वांगसम = सर्व + अंग + सम = सभी अंग बराबर । इसे और अधिक सरल रूप में यों कह सकते हैं कि दो चित्र यदि आकार-प्रकार (shape and size) में समान हैं तो वे परस्पर सर्वांगसम होते हैं (यद्यपि वे अलग-अलग स्थान पर हैं या अलग-अलग स्थितिओं में हो सकते हैं) ।
==त्रिभुजों की सर्वांगसमता==
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किन्तु प्रायः केवल तीन संगत अंगों की समानता प्रदर्शित कर देना ही सर्वांगसमता सिद्द करने के लिये पर्याप्त होता है।
[[Image:Congruent triangles.svg|thumb|200px|right| दो त्रिभुज सर्वांगसम हो सकते हैं यदि - दोनो की दो भुजायें एवं उनके बीच का कोण समान हों (SAS); कोई दो कोण एवं उनके बीच की भुजा समान हों (ASA)
===SAS, SSS, ASA, एवं AAS===
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[[श्रेणी:ज्यामिति]]
[[श्रेणी:त्रिभुज]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
[[bg:Еднаквост на триъгълници]]
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[[en:Congruence (geometry)]]
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[[he:חפיפה]]
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[[nl:Congruentie (meetkunde)]]
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[[ru:Конгруэнтность (геометрия)]]
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[[zh:全等]]
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