"सर्वेश्वर दयाल सक्सेना": अवतरणों में अंतर

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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना मूलतः कवि एवं साहित्यकार थे,पर जब उन्होंने [[दिनमान]] का कार्यभार संभाला तब समकालीन पत्रकारिता के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को समझा और सामाजिक चेतना जगाने में अपना अनुकरणीय योगदान दिया। सर्वेश्वर मानते थे कि जिस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है, उसका भविष्य उज्ज्वल नहीं रह सकता । सर्वेश्वर की यह अग्रगामी सोच उन्हें एक बाल पत्रिका के सम्पादक के नाते प्रतिष्ठित और सम्मानित करती है ।
 
'''सर्वेश्वर दयाल सक्सेना''' मूलतः कवि एवं साहित्यकार थे,पर जब उन्होंने [[दिनमान]] का कार्यभार संभाला तब समकालीन पत्रकारिता के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को समझा और सामाजिक चेतना जगाने में अपना अनुकरणीय योगदान दिया। सर्वेश्वर मानते थे कि जिस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है, उसका भविष्य उज्ज्वल नहीं रह सकता । सर्वेश्वर की यह अग्रगामी सोच उन्हें एक बाल पत्रिका के सम्पादक के नाते प्रतिष्ठित और सम्मानित करती है ।
 
==जीवन परिचय==
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*[[हिन्दी कवि]]
*[[हिन्दी गद्यकार]]
 
[[श्रेणी:हिन्दी पत्रकार]]
[[श्रेणी:प्रगतिशील कवि]]
[[श्रेणी:हिन्दी गद्यकार]]
 
==बाहरी कड़ियाँ==
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{{साँचा:प्रगतिशील कवि}}
 
[[श्रेणी:हिन्दी पत्रकार]]
[[श्रेणी:प्रगतिशील कवि]]
[[श्रेणी:हिन्दी गद्यकार]]
[[श्रेणी:साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत]]
[[श्रेणी: तीसरा सप्तक के कवि]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]