"महाकाव्य": अवतरणों में अंतर

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(3) किंतु कथानक का यह विस्तार अनियंत्रित नहीं होना चाहिए। उसमें एक ही कार्य होना चाहिए जो आदि मध्य अवसान से युक्त एवं स्वत: पूर्ण हो। समस्त उपाख्यान इसी प्रमुख कार्य के साथ संबंद्ध और इस प्रकार से गुंफित हों कि उनका परिणाम एक ही हो।
 
(4) इसके अतिरिक्त त्रासदी के वस्तुसंगठन के अन्य गुण -- पूर्वापरक्रम, संभाव्यता तथा कुतूहल -- भीकुतूहल—भी महाकाव्य में यथावत् विद्यमान रहते हैं। उसकी परिधि में अद्भुत एवं अतिप्राकृत तत्व के लिये अधिक अवकाश रहता है और कुतूहल की संभावना भी महाकाव्य में अपेक्षाकृत अधिक रहती है। कथानक के सभी कुतूहलवर्धक अंग, जैसे स्थितिविपर्यय, अभिज्ञान, संवृति और विवृति, महाकाव्य का भी उत्कर्ष करते हैं।
 
===पात्र===
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*[[नैषधीय चरित]]
 
 
==प्राकृत और अपभ्रंश के महाकाव्य==
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*[[उसाणिरुद्म]] (उषानिरुद्ध)
 
*[[कंस वही]] (कंस वध)
 
*[[पद्मचरित]]
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*यशोधरा चरित
 
 
==हिंदी के महाकाव्य==
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* [http://humx.org/epic_poetry Humanities Index] has notes on epic poetry.
*[http://www.worldofdante.org/ World of Dante] Multimedia website that offers Italian text of Divine Comedy, Allen Mandelbaum's translation, gallery, interactive maps, timeline, musical recordings, and searchable database for students and teachers.
 
 
 
[[श्रेणी:साहित्य]]
[[श्रेणी:भाषा]]
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
 
[[af:Epos]]