"शंकु-परिच्छेद": अवतरणों में अंतर

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[[Image:Table_of_Conics,_Cyclopaedia,_volume_1,_p_304,_1728.jpg|thumb|right|300px| शांकवों की सूची, साइक्लोपीडिया, 1728]]
 
[[गणित]] में, किसी लम्ब वृत्तीय [[शंकु]] की एक समतल द्वारा परिच्छेद करने से प्राप्त '''वक्रों''' (curves) को '''शांकव''' (conicsection) कहते हैं।<br />शांकव की एक अन्य परिभाषा के अनुसार शांकव(समतल मे) किसी एसे चर बिन्दु का [[बिन्दुपथ]] है जिसकी एक निर्धारित बिन्दु एवं एक निर्धारित रेखा से दूरियोँ का अनुपात हमेशा स्थिर(अच‍र) रहता है। इस परिभाषा का प्रयोग कर किसी भी [[निर्देशांक पद्धति‎]] मे शांकव को एक [[गणितीय समीकरण]] के रूप मे प्राप्त कर सकते हैं
 
 
== शांकव के अवयव ==
*'''नाभि'''<br /> शांकव कि परिभाषा मे प्रयुक्त एक निश्चित बिन्दु शांकव की नाभि(फोकस) कहलाता है।
*'''नियता'''<br />शांकव कि परिभाषा मे प्रयुक्त एक निश्चित रेखा शांकव की नियता कहलाती है।
*'''उत्केन्द्रता'''<br />शांकव कि परिभाषा मे प्रयोग किया गया निश्चित अनुपात ही को उत्केन्द्रता कह्ते हैं। इसे e से दर्शाते हैं।<br /><math> e=चर बिन्दु की नाभि से दूरि/चर बिन्दु की नियता से दूरी </math>
*'''अक्ष'''<br />शांकव की नियता के लंबवत व नाभि (फोकस) से जाने वालि रेखा अक्ष होती है'
*'''शीर्ष'''<br /> शांकव की अक्ष जिस बिन्दु पर वक्र को काटती है वह बिन्दु,
*'''शीर्ष पर स्पर्शी'''<br />शांकव अक्ष के लंबवत शीर्ष से जाने वाली स्पर्श रेखा,
 
 
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शांकव के अंतर्गत निम्नलिखित वक्र आते हैं:
 
* [[वृत्त]] (circle) <math>e=0</math>
* [[दीर्घवृत्त]] (ellipse)<math>0<e<1</math>
* [[परवलय]] (parabola)<math>e=1</math>
* [[अति परवलय]] (hyperbola)<math>e>1</math>
* [[रेखा-युग्म]] (pair of straight lines)
 
 
== शांकव के अवयव ==
*नाभि
*नियता
*उत्केन्द्रता
*शीर्ष
*अक्ष
*शीर्ष पर स्पर्शी