"सूर्यपथ": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
|||
पंक्ति 2:
[[खगोलशास्त्र]] में '''सूर्यपथ''' या '''ऍक्लिप्टिक''' आकाश के [[खगोलीय गोले]] पर वह मार्ग है जिसे ज़मीन पर बैठे किसी दर्शक के दृष्टिकोण से [[सूरज]] वर्ष भर में लेता है.
आम भाषा में अगर यह कल्पना की जाए के पृथ्वी एक काल्पनिक गोले से घिरी हुई है (जिसे [[खगोलीय गोला]] कहा जाता है) और सूरज उसपर स्थित एक रोशनी है, तो अगर सालभर के लिए कोई हर रोज़ दोपहर के बराह बजे सूरज खगोलीय गोले पर जहाँ स्थित है वहाँ एक काल्पनिक बिंदु बना दे और फिर इन ३६५ बिन्दुओं (वर्ष के हर दिन का एक बिंदु) को जोड़ दे और उस रेखा को दोनों तरफ़ बढ़ाकर क्षितिज की ओर ले जाए तो उसे सूर्यपथ मिल जाएगा. सूर्यपथ [[खगोलीय गोले]] पर बना हुआ एक काल्पनिक [[महावृत्त]] (ग्रेट सर्कल) होता है। क्योंकि अपने [[कक्षा (भौतिकी)|कक्षा]] में [[सूरज]] की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी का [[घूर्णन अक्ष|अक्ष]] (ऐक्सिस) २३.४° के [[कोण]] (ऐंगल) पर है इसलिए यही कोण
==अन्य भाषाओँ में==
|