"निरपेक्ष कांतिमान": अवतरणों में अंतर

छो मूल चमक का नाम बदलकर निरपेक्ष कांतिमान कर दिया गया है।
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'''मूल चमक''' या '''मूलनिरपेक्ष चमकीलापनकांतिमान''' किसी [[खगोलीय वस्तु]] के अपने [[चमकीलेपन]] को कहते हैं। मिसाल के लिए अगर किसी [[तारे]] के मूलनिरपेक्ष चमकीलेपनकांतिमान की बात हो रही हो तो यह देखा जाता है के यदि देखने वाला उस तारे के ठीक १० [[पारसैक]] की दूरी पर होता तो वह कितना चमकीला लगता। इस तरह से "मूलनिरपेक्ष चमककांतिमान" और "प्रत्यक्षसापेक्ष चमककांतिमान" में गहरा अंतर है। अगर कोई तारा [[सूरज]] से बीस गुना ज़्यादा मूल चमक रखता हो लेकिन सूरज से हज़ार गुना दूर हो तो पृथ्वी पर बैठे किसी दर्शक के लिए सूरज कीका प्रत्यक्षसापेक्ष चमककांतिमान अधिक होगीहोगा, हालांकि दुसरे तारे कीका मूलनिरपेक्ष चमककांतिमान सूरज से अधिक है।
 
मूलनिरपेक्ष चमककांतिमान और प्रत्यक्षसापेक्ष चमककांतिमान दोनों को मापने की इकाई "[[खगोलीय मैग्निट्यूड|मैग्निट्यूड]]" (magnitude) कहलाती है।
 
==अन्य भाषाओँ में==
[[अंग्रेज़ी]] में "मूलनिरपेक्ष चमककांतिमान" को "एब्सोल्यूट मैग्निट्यूड" (absolute magnitude) और "प्रत्यक्षसापेक्ष चमककांतिमान" को "रॅलॅटिव मैग्निट्यूड" (relative magnitude) कहते हैं।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[चमक]]
*[[सापेक्ष कांतिमान]]
*[[प्रत्यक्ष चमक]]
*[[खगोलीय मैग्निट्यूड]]