"खगोलीय स्पेक्ट्रमिकी": अवतरणों में अंतर

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अपेक्षाकृत ठंढे तारों में आण्विक यौगिक (molecular compound) प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं और उनका संतत अवशोषण अभी भी अज्ञात है। बम-विटेंस (Bohm-Vitense) ने हाल में 3840 ॠ डिग्री से लेकर 1,00,800 ॠ डिग्री ताप के लिए अनुमानित रासायनिक संगठनवाले तारकीय द्रव्यों के संतत अवशोषण के गुणांकों की सारणी प्रस्तुत की है। हाइड्रोजन (H), हीलियम (He) और हीलियमअ (He+) के अवशोषण की सारणी भी बेनो (Veno) द्वारा प्रस्तुत की गई है।
 
500 एंग्स्ट्रॉम पर के कुछ ऊष्ण तारों के स्पेक्ट्रम में होनेवाली असंतता और [[महादानव तारा|महादानवी]] (Super giant) तारों के संतत स्पेक्ट्रमों को अभी भी पूर्ण रूप से समझा नहीं जा सकता है। फिर भी हम यह कह सकते हैं कि इस शती के पूर्वार्ध में तारों के संतत स्पेक्ट्रम संबंधी ज्ञान में हुई प्रगति पर्याप्त संतोषजनक रही है।
 
तारकीय स्पेक्ट्रमों में अवशोषण रेखाएँ - तारकीय स्पेक्ट्रमों में अवशोषण रेखाओं की रचना के बारे में प्रारंभिक विचार बड़े सरल थे। प्रकाशमंडल को घेरे हुए ठंढा गैसीय मंडल, प्रकाशमंडल से संतत उत्सर्जित होनेवाले विकिरण का वरणात्मक अवशोषण करता है जिससे अवशोषण रेखाएँ बनती हैं। सर्वप्रथम शुस्टर ने तारकीय स्पेक्ट्रमों में अवशोषण रेखाओं का क्रमबद्ध सिद्धांत प्रस्तुत किया। इन्होंने इन रेखाओं के बनने का कारण संतत प्रकीर्णन पर आरोपित स्पेक्ट्रम रेखाओं के अवशोषण को बताया।