"खगोलजीव विज्ञान": अवतरणों में अंतर

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==अन्य भाषाओँ में==
"खगोलजीव विज्ञान" को [[अंग्रेज़ी]] में "ऐस्ट्रोबायॉलॉजी" (astrobiology) कहते हैं।
 
==जीवन-सहायक परिस्थितियाँ==
पृथ्वी पर जीवन का अध्ययन करके वैज्ञानिकों को एक परिस्थितियों की सूची तो मिल गयी है जो जीवन के अनुकूल है। इसमें [[कार्बन]] ज़रूरी माना जाता है क्योंकि इसके [[परमाणुओं]] में लम्बे-लम्बे [[अणु]] बनाने की क्षमता है। वैसे तो वैज्ञानिक अन्य तत्वों का भी जीवन का आधार बनाने की कल्पना करते हैं लेकिन कार्बन यह भूमिका बहुत सहजता से निभाता है। पानी की मौजूदगी भी ज़रूरी मानी जाती है क्योंकि इसमें तरह-तरह के रसायान मिश्रित हो सकते हैं। इसका अर्थ है के जीवन के लिए ग्रह न तो इतना गरम होना चाहिए के पानी सिर्फ भाप के रूप में ही हो, और न ही इतना सर्द के सिर्फ़ बर्फ़ ही के रूप में मिले। इन बातों को नज़र में रखते हुए अभी तक वैज्ञानिक सूरज जैसे [[तारों]] को ही जीवन-योग्य ग्रहों का रक्षक मानते थे, लेकिन हाल में [[लाल बौने]] तारों के इर्द-गिर्द भी पृथ्वी जैसे ग्रहों के मिलने की संभावनाएं दिखने लगी हैं क्योंकि ऐसे तारे बहुत लम्बे कालो के लिए अपने इर्द-गिर्द के [[ग्रहीय मंडलों]] में स्थाई परिस्थितियाँ रख सकते हैं। यह एक बहुत ही अहम खोज है क्योंकि सूरज-जैसे तारे ब्रह्माण्ड में कम प्रतिशत में मिलते हैं, jabki लाल बौने तारों की तादाद बहुत ही ज्यादा है।
 
==इन्हें भी देखें==