"हरेकृष्ण मेहेर": अवतरणों में अंतर

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समकालिक संस्कृत साहित्य में परम्परा और आधुनिकता के प्रसंग में डॉ. मेहेर समन्वयवादी सारस्वत साधक हैं । मौलिक नवीन छन्दों की उद्‌भावना सहित अपनी गीतियों की स्वर-रचना एवं परिवेषण उनकी कवि-प्रतिभा की विशेषता है । उनका आधुनिक गीतिकाव्य "मातृगीतिकाञ्जलिः" साम्प्रतिक संस्कृत साहित्य में एक अभिनव लोकप्रिय कृति है । इसके अतिरिक्‍त उनकी संस्कृत कृतियों में पुष्पाञ्जलि-विचित्रा, सारस्वतायनम्, सौन्दर्य-सन्दर्शनम्, सावित्रीनाटकम्, जीवनालेख्यम्, मौन-व्यञ्जना आदि उल्लेखनीय हैं । ।
कवि-परम्परा से मौलिक सर्जनात्मक-प्रतिभासम्पन्न डॉ. मेहेर की भाषा-साहित्य एवं सङ्गीत कला में विशष अभिरुचि ।
'''प्रमुख साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठानों द्वारा सम्मान प्राप्त :'''
कई उपलक्ष्यों में स्वरचित संस्कृत-गीतियाँ एवं कोशली गीत एकल तथा वृन्दगान के रूप में परिवेषित ।
 
हाथरस उत्तरप्रदेश की लोकप्रिय ‘संगीत’ पत्रिका में अपनी मौलिक नवीन छन्दोबद्ध संस्कृत गीतियों सहित स्वरचित स्वरलिपियाँ प्रकाशित । डॉ. मेहेर-कृत संस्कृत-गीत "नववर्ष-गीतिका" की प्रसिद्ध संगीतकार पण्डित एच्. हरेन्द्र जोशी-रचित स्वरलिपियाँ भी वहाँ प्रकाशित । उनकी “नववर्ष-गीतिका” की आडियो कैसेट् एवं वीडियो कैसेट् मध्यप्रदेश की रतलाम एवं जावरा आदि नगरियों में स्थानीय टी.वी. चैनलों पर प्रसारित ।
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'''प्रमुख साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठानों द्वारा सम्मान प्राप्त :'''
* गंगाधर सम्मान (२००२),
* गंगाधर सारस्वत सम्मान (२००२),
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* एवार्ड् अफ़् एप्रिशिएशन् (जयदेव उत्सव- २००८)-ओड़िशी एकाडेमी, लोधीमार्ग, नई दिल्ली ।
 
इसके अतिरिक्त ओड़िशा के अनेक सुप्रतिष्ठित अनुष्ठानों द्वारा मानपत्र सहित संवर्धना एवं अभिनन्दन प्राप्त हैं ।
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* The Lied and Art Song : http://www.recmusic.org/lieder/get_texts.html?ContribId=632
* कोसली गीत- माटि माँर् बासना : http://www.youtube.com/watch?gl=IN&hl=en-GB&v=_IiYF8hR_Dg
 
* डाकुछे इ माटि - कोसली गीत : http://www.youtube.com/watch?v=GFpsfSenUH0
* (आधुनिक संस्कृत साहित्य में विदेशीय छन्दों का प्रयोग) : http://vipvak.blogspot.com/2009/06/blog-post.html
 
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''' योगसूत्र :''' ([[संपादित करें]])

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* http://www.museindia.com/focuscontent.asp?issid=34&id=2292 (तपस्विनी काव्य -अंग्रेजी अनुवाद- लेख)
 
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