"डूंगर सिंह": अवतरणों में अंतर

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===आगरा की कैद से डूंगरसिंह को छुड़वाना ===
वि.सं. 1903 में ठाकुर[[लोठू जवाहर सिंहनिठारवाल]] के नेतृत्व में बारात का बहाना बना कर कोई चार पांच सों वीर योधावों ने [[मीडिया:आगरा]] प्रस्थान किया ।इस योजना में क्षेत्र के सभी शेखावत, बीदावत, तंवर, पंवार, नारुका, चौहान, गुसाई, जाट, मीना, बलाई, गुर्जर, खाती जातियों के योद्धाओं ने भाग लिया <ref>मनसुख रणवा ‘मनु’ (2001): अमर शहीद लोठू जाट , जे सी रणवा प्रकाशन, सीकर, पृ. 56 </ref> उपयुक्त अवसर की टोह में दुल्हे के मामा का निधन का बहाना बना कर 15 दिन तक आगरा रुके रहे,और ताजियों दिन अचानक मौका देखा कर लाल किले पर आक्रमण कर ठाकुर डूंगर सिंह व अन्य बंदियों को मुक्त कर दिया इस महँ साहसिक कार्य से अंग्रेज सत्ता स्तब्ध रह बौखला गयी और इन वीरों को पकड़ हेतु राजस्थान के राजाओं को सक्त आदेश भेज दिए ।
 
===अंग्रेजों की राजस्थान में नसीराबाद छावनी को लूटना ===