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[[चित्र:Assorted bronze castings.JPG|thumb|कांसे की प्राचीन [[ढलाई]] ।]]
'''कांसा''' या '''कांस्य''', किसी [[तांबा|तांबे]] या ताम्र -मिश्रित धातु मिश्रण को कहा जाता है, प्रायः [[जस्ता|जस्ते]] के संग, परंतु कई बार [[फासफोरस]], [[मैंगनीज़]], [[अल्युमिनियम]] या [[सिलिकॉन]] आदि के संग भी होते हैं। (देखें [[#तांबा एवं उसके मिश्रणों का वर्गीकरण|अधोलिखित सारणी]].) यह पुरावस्तुओं में महत्वपूर्ण था, जिसने उस युग को [[कांस्य युग]] नाम दिया। इसे अंग्रेजी़ में '''ब्रोंज़ ''' कहते हैं, जो की फारसी मूल का शब्द है, जिसका अर्थ पीतल है।<ref> Online Etymological Dictionary http://www.etymonline.com/index.php?term=bronze </ref>
 
काँसा (संस्कृत कांस्य) संस्कृत कोशों के अनुसार श्वेत ताँबे अथवा घंटा बनाने की धातु को कहते हैं। विशुद्ध ताँबा लाल होता है; उसमें राँगा मिलाने से सफेदी आती है। इसलिए ताँबे और राँगे की मिश्रधातु को काँसा या कांस्य कहते हैं। साधारण बोलचाल में कभी–कभी [[पीतल]] को भी काँसा कह देते हैं, जा ताँबे तथा [[जस्ता|जस्ते]] की मिश्रधातु है और पीला होता है। ताँबे और राँगे की मिश्रधातु को 'फूल' भी कहते हैं। इस लेख में काँसा से अभिप्राय ताँबे और राँगे की मिश्रधातु से है। अंग्रेजी में इसे ब्रॉज (bronze) कहते हैं।
 
काँसा, ताँबे की अपेक्षा अधिक कड़ा होता है और कम ताप पर पिघलता है। इसलिए काँसा सुविधापूर्वक ढाला जा सकता है। 16 भाग ताँबे और 1 भाग राँगे की मिश्रधातु बहुत कड़ी नहीं होती। इसे नरम गन-मेटल (gun-metal) कहते हैं। राँगे का अनुपात दुगुना कर देने से कड़ा गन-मेटल बनता है। 7 भाग ताँबा और 1 भाग राँगा रहने पर मिश्रधातु कड़ी, भंगुर और सुस्वर होती है। घंटा बनाने के लिए राँगे का अनुपात और भी बढ़ा दिया जाता है; साधारणत: 3 से 5 भाग तक ताँबे और 1 भाग राँगे की मिश्रधातु इस काम में लिए प्रयुक्त होती है। दर्पण बनाने के लिए लगभग 2 भाग ताँबा और एक भाग राँगे का उपयोग होता था, परंतु अब तो चाँदी की कलईवाले काँच के दर्पणों के आगे इसका प्रचलन मिट गया है। मशीनों के धुरीधरों (bearings) के लिए काँसे का बहुत प्रयोग होता है, क्योंकि घर्षण (friction) कम होता है, परंतु धातु को अधिक कड़ी कर देने के उद्देश्य से उसमें कुछ अन्य धातुएँ भी मिला दी जाती हैं। उदाहरणत:, 24 अथवा अधिक भाग राँगा, 4 भाग ताँबा और 8 भाग ऐंटिमनी प्रसिद्ध 'बैबिट' मेटल है जिसका नाम आविष्कारक आइज़क (Issac Babiitt) पर पड़ा है। इसका धुरीधरों के लिए बहुत प्रयोग होता है। काँसे में लगभग 1 प्रतिशत फ़ास्फ़ोरस मिला देने से मिश्रधातु अधिक कड़ी और चिमड़ी हो जाती है। ऐसी मिश्रधातु को फ़ॉस्फ़र ब्रॉज कहते हैं। ताँबे आर ऐल्युमिनियम की मिश्रधातु को ऐल्युमिनियम ब्रॉञ्ज़ कहते हैं। यह धातु बहुत पुष्ट होती है और हवा या पानी में इसका अपक्षरण नहीं होता।
 
== इतिहास ==
[[चित्र:Pu with openwork interlaced dragons design.jpg|thumb|200px|left|[[China|Chinese]] चीनी आलेख का ड्रैगन बना हुआ प्याला (722 BC-481 BC)]]
 
 
[[चित्र:Early Ewer Iran.JPG|thumb|right|ईवर 7वीं सदी के ईरान से]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कांसा" से प्राप्त