"वीणा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
ektantri |
||
पंक्ति 1:
'''वीणा''' भारत के लोकप्रिय वाद्ययंत्र में से एक है जिसका प्रयोग प्राय: [[शास्त्रीय संगीत]] में किया जाता है।
वीणा [[सुर]] ध्वनिओं के लिये भारतीय संगीत में प्रयुक्त सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र है। समय के साथ इसके कई प्रकार विकसित हुए हैं (रुद्रवीणा, विचित्रवीणा इत्यादि) । किन्तु इसका प्राचीनतम रूप [http://www.omenad.net/articles/BSV_ektantri.htm एक-तन्त्री वीणा] है| कुछ लोग कहते हैं मध्यकाल में जनाब [[अमीर खुसरो]] दहलवी ने [[सितार]] की रचना वीणा और बैंजो (जो इस्लामी सभ्यताओं में लोकप्रिय था) को मिलाकर किया, कुछ इसे गिटार का भी रूप बताते हैं। इसके इतिहास के बारे में अनेक मत हैं किंतु अपनी पुस्तक भारतीय संगीत वाद्य में प्रसिद्ध विचित्र वीणा वादक डॉ लालमणि मिश्र ने इसे प्राचीन त्रितंत्री वीणा का विकसित रूप सिद्ध किया। सितार पूर्ण भारतीय वाद्य है क्योंकि इसमें भारतीय वाद्योँ की तीनों विशेषताएं हैं। वीणा वस्तुत: तंत्री वाद्यों का सँरचनात्मक नाम है। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं।
|