"वानर": अवतरणों में अंतर

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==मूल==
वानर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है| - १. वन २. नर ।
 
इसका शाब्दिक अर्थ होता है - "वन मैं रहने वाला नर|"। यानि जो प्राणी वन में रहते हैं उन्हें वानर कहते हैं|हैं। इसी तथ्य के आधार पर महात्मा रामचन्द्र वीर ने हनुमान जी की जाति वानर बतायी है और इसी आधार पर राजस्थान के विराट नगर मे नर स्वरुप मे हनुमान जी की मुर्ति वज्रांग मन्दिर मे स्थापित की है। यह मन्दिर पुरे भारतवर्ष मे हनुमान जी के अन्य मन्दिरो से अलग है।
१. वन २. नर
 
इसका शाब्दिक अर्थ होता है - वन मैं रहने वाला नर| यानि जो प्राणी वन में रहते हैं उन्हें वानर कहते हैं|इसी तथ्य के आधार पर महात्मा रामचन्द्र वीर ने हनुमान जी की जाति वानर बतायी है और इसी आधार पर राजस्थान के विराट नगर मे नर स्वरुप मे हनुमान जी की मुर्ति वज्रांग मन्दिर मे स्थापित की है। यह मन्दिर पुरे भारतवर्ष मे हनुमान जी के अन्य मन्दिरो से अलग है।
 
==अन्य अर्थ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/वानर" से प्राप्त