"मनमोहन सिंह": अवतरणों में अंतर

No edit summary
छो fixing unicode
पंक्ति 1:
[[Image:Singh.jpg|thumb|'''डाक्टर मनमोहन िसंहसिंह''']]
[[भारत]] के चौदहवें [[भारत के प्रधानमंत्री|प्रधानमंत्री]] '''डा. मनमोहन िसंहसिंह''' एक कुशल राजनेता के साथ साथ एक अच्छे िवद्वानविद्वान और िवचारकविचारक भी हैं. एक मंझेमंजे हुये [[अर्थशास्त्र|अर्थशास्त्री]] के रुप में उनकी ज्यादा पहचान है । अपने कुशल और ईमानदार छिवछवि की वजह से सभी राजनैितकराजनैतिक दलों में उनकी अच्छी साख है ।
 
प्रधानमंत्री मनमोहन िसंहसिंह का जन्म [[अिवभािजतअविभाजित भारत]] के [[पंजाब]] प्रांत में [[२६ िसतंबरसितंबर]] [[१९३२]] को हुआ था. [[१९४८]] में उन्होंने [[मैटि्रकमैट्रिक की पिरक्षापरिक्षा]] पंजाब से ही दी. बाद में वे [[कैम्बि्रजकैम्ब्रिज िवश्विवद्यालयविश्वविद्यालय]] गये जहाँ से उन्होंने [[१९५८]] में प्रथम श्रेणी में [[पी एच डी]] की । ततपश्चात उन्होंने [[आक्सफोर्ड िवश्विवद्यालयविश्वविद्यालय]] से [[डी िफलफिल]] भी िकयाकिया । उनकी पुस्तक “India's Export Trends and Prospects for Self-Sustained Growth” [Clarendon Press, Oxford, 1964] भारत के अन्तर्मुखी व्यापार नीितनीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है ।
 
डा. िसंहसिंह ने [[अर्थशास्त्र]] के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याितख्याति अरि्जतअर्जित की । वे [[पंजाब िवश्विवद्यालयविश्वविद्यालय]] और बाद में प्रितषि्ठतप्रतिष्ठित [[डेलही स्कूल आफ इकनािमक्सइकनामिक्स]] में प्राध्यापक रहे । इसी बीच वे UNCTAD सिचवालयसचिवालय में सलाहकार भी रहे । और [[१९८७]] तथा [[१९९०]] में [[जीनीवा]] में [[साउथ किमशनकमिशन]] में सिचवसचिव भी रहे.
 
[[१९७१]] में डा. िसंहसिंह भारत के [[वािणज्यवाणिज्य मंत्रालय]] में आरि्थकआर्थिक सलाहकार के तौर पर िनयुक्तनियुक्त िकयेकिये गये । इसके तुरंत बाद [[१९७२]] में उन्हें [[िवत्तवित्त मंत्रालय]] में उन्हें मुख्य आरि्थकआर्थिक सलाहकार बनाया गया । इसके बाद के वर्षों में वे [[योजना आयोग]] के उपाध्यक्ष, [[िरजर्वरिजर्व बैंक]] के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और [[िवश्विवद्यालयविश्वविद्यालय अनुदान आयोग]] के अध्यक्ष भी रह चुके हैं ।
 
[[भारत का आरि्थकआर्थिक इितहासइतिहास|भारत के आर्िथकआर्थिक इतिहास]] में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डा. िसंहसिंह [[१९९१]] से [[१९९६]] तक भारत के िवत्तवित्त मंत्री रहे । उन्हें भारत के [[आरि्थकआर्थिक सुधार|आरि्थकआर्थिक सुधारों]] का प्रणेता माना गया है । आम जनमानस में ये साल िनश्चितनिश्चित रुप से डा. सिंह के व्यकितत्वव्यकतित्व के इर्द-िगर्दगिर्द घूमता रहा है.
 
भारत के सार्वजिनकसार्वजनिक जीवन में डा. िसंहसिंह को बहुत से पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है । इनमें [[१९८७]] में [[पद्म िवभूषणविभूषण]], [[१९९५]] में [[इंिडयनइंडियन साइंस कांग्रेस]] का [[जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार]], [[१९९३]] और [[१९९४]] का [[एिशयाएशिया मनी अवार्ड फार फ़ाइनैन्स िमनिस्टरमिनिस्टर आफ़ द इयर]], १९९४ का [[यूरो मनी अवार्ड फार द फाइनैस िमनिस्टरमिनिस्टर आफ़ द इयर]], [[१९५६]] में कैम्ब्िरजकैम्ब्रिज िवश्विवद्यालयविश्वविद्यालय का [[ऐडम सि्मथस्मिथ पुरस्कार]] प्रमुख हैं । डा. िसंहसिंह ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत का प्रितिनिधत्वप्रतिनिधित्व िकयाकिया है । अपने राजनैितकराजनैतिक जीवन में वे १९९१ से [[राज्य सभा]] के सांसद रहे है । और [[१९९८]] तथा [[२००४]] में संसद में िवपक्षविपक्ष के नेता रह चुके हैं.
 
डा. सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमति गुरुशरण कौर और उनकी तीन बेटियाँ हैं.