"संजीव कुमार": अवतरणों में अंतर

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== कैरियर ==
===फिल्मी सफर===
संजीव कुमार ने अपनेअपनी करिअर की शुरुआत १९६० में बनी फिल्म ''[[हम हिन्दुस्तानी फिल्म(1960 सेफ़िल्म)|हम १९६०हिन्दुस्तानी]]'' मेंसे की. उनकी हीरोनायक के रूप में इनकी पहली फिल्म ''[[निशान]]'' (१९६८) थी. उन्होंनेइन्होंने [[दिलीप कुमार]] के अपोजिटसाथ ''[[संघर्ष (1968 फ़िल्म)|संघर्ष]]'' (१९६८) फिल्म में काम किया. फिल्म ''[[खिलौना (1970 फ़िल्म)|खिलौना]]'' ने उन्हेंइन्हें स्टार का दर्जा दिलाया. इसके बाद इनकी हिट फिल्म ''[[सीता और गीता (1972 फ़िल्म)|सीता और गीता]]'' (१९७२) और ''[[मनचली (1973 फ़िल्म)|मनचली]]'' (१९७३) प्रदर्शित हुयीहुईं. ७० के दशक में इन्होने [[गुलज़ार (गीतकार)|गुलज़ार]] जैसे दिग्दर्शक के साथ काम किया. इन्होने गुलज़ार के साथ कुल ९ फिल्मे की जिनमे ''[[आँधी (1975 फ़िल्म)|आंधी]]'' (१९७५), ''[[मौसम (1975 फ़िल्म)|मौसम]]'' (१९७५), ''[[अंगूर (1982 फ़िल्म)|अंगूर]]'' (१९८२), ''[[नमकीन (1982 फ़िल्म)|नमकीन]]'' (१९८२) प्रमुख है. इनके कुछ प्रशंसक इन फिल्मों को इनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मो में से मानते है. ''[[शोले (1975 फ़िल्म)|शोले]]'' (१९७५) फिल्म में इनसे अभिनीत पात्र ठाकुर आज भी लोगो के दिलो में ज़िंदा है जो मिमिक्री कलाकारों के लिए एक मसाला है.
७० के दसक में इन्होने गुलज़ार जैसे दिग्दर्शक के साथ काम किया. इन्होने कुल ९ फिल्मे [[गुलज़ार]] के साथ की जिनमे आंधी (१९७५), मोसम (१९७५), अंगूर (१९८१), नमकीन (१९८२). उनके कुछ चाहने वाले ये उनकी सबसे अच्छी फिल्मो में से एक मानते है. [[शोले]] (१९७५) फिल्म में इनके द्वारा अभिनीत पात्र ठाकुर आज भी लोगो के दिलो में जिन्दा है और मिमिक्री आर्टिस्ट के लिए एक मसाला है.
 
==प्रमुख फिल्में==