"तुर्की भाषा परिवार": अवतरणों में अंतर
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*'''[[स्वर सहयोग]]''' - बहुत कम को छोड़कर, लगभग सारी तुर्की भाषाओँ में कुछ स्वर एक साथ किसी शब्द में आ सकते हैं और कुछ स्वरों को एक शब्द में एक-साथ मौजूद होने की अनुमति नहीं है।
*'''लिंग या अन्य तत्वों का व्याकरण में भेद नहीं''' - हिंदी में लिंग और संख्या के अनुसार संज्ञाओं और अन्य शब्दों के रूप बदलते हैं ("घोड़ा होता है, घोड़ी होती है, घोड़े होते हैं")। तुर्की भाषाओँ में ऐसा कुछ नहीं है।
==इतिहास==
[[मंगोलिया]] की ओरख़ोन घाटी में स्थित ओरहोन शिलालेख किसी भी तुर्की भाषा में मिले सब से पुराने मिले लेख हैं। यह शिलाएँ 732 और 735 ई॰ के बीच के काल में कुल तिगिन और बिलगे क़ाग़ान नामक दो गोकतुर्क क़बीले के सरदारों के सम्मान में खड़ी की गई थीं। तुर्की भाषाओँ पर सबसे पहला गहरा अध्ययन काराख़ान सल्तनत के वासी कश्गरली महमूद ने अपनी 11वी शताब्दी में लिखी किताब "दिवानुए लुग़ातित तुऍर्क" में पूरा किया। यह तुर्की बोलियों का सब से पहला विस्तृत शब्दकोष था और इसमें तुर्की भाषाएँ बोलने वालों के फैलाव का सब से पहला ज्ञात नक़्शा था।
छठी शताब्दी के बाद तुर्की-भाषी फ़ौजें पूरे मध्य एशिया पर हावी हो गईं। [[अफ़्ग़ानिस्तान]] और [[भारतीय उपमहाद्वीप]] के उत्तरी इलाक़ों पर भी इनका क़ब्ज़ा हो गया। दिल्ली सल्तनत के [[गुलाम वंश]] के सभी शासक (जैसे की [[कुतुब-उद-दीन ऐबक]], [[इल्तुतमिश]], वग़ैराह) और [[मुग़ल साम्राज्य]] के प्रथम शासक [[बाबर]] तुर्की मातृभाषी थे। बाबर द्वारा लिखित ऐतिहासिक वर्णन, बाबरनामा, भी तुर्की परिवार की चग़तई भाषा में लिखा हुआ है। इस प्रभाव से तुर्की के बहुत से शब्द [[फ़ारसी]], [[हिंदी]]-[[उर्दू]], [[रूसी भाषा|रूसी]] और हंगेरियाई भाषा में समा गए। हिंदी में तुर्की शब्दों की सूची बहुत लम्बी है और यह शब्द अक्सर अरबी-फ़ारसी से भिन्न और हिंदी के देशज शब्दों की तरह ही लगते हैं, जैसे कि नौकर, बहादुर, चादर, चमचा, कैंची, हवा, छतरी, कुली (सामान उठाने वाला) और तोप।
==इन्हें भी देखें==
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