"प्रसव": अवतरणों में अंतर

छो →‎बाहरी कड़ियाँ: Adding Template using AWB
No edit summary
पंक्ति 1:
{{merge|प्रसूति(Childbirth)}}
[[चित्र:Eucharius Rößlin Rosgarten Childbirth.jpg|right|thumb|प्रसव-कुर्सी बच्चे को जनती एक स्त्री, सन् १५१५]]
'''प्रसव''' का अर्थ होता है जनन या बच्चे को जन्म देना।गर्भावस्था के निर्धारित काल पूरा होने पर बच्चे का जन्म बिना किसी अवरोध(रूकावट) के ही होना साधारण और सरल जन्म कहलाता है। बच्चे के जन्म को ध्यान से देखने पर यह महसूस होता है। कि बच्चे के जन्म लेने की विधि को हम तीन भागों में बांट सकते है। प्रथम भाग में बच्चेदानी का मुंह खुलना और फैलना, दूसरे भाग में बच्चे मे सिर का दिखाई पड़ना और तीसरा भाग जिसमें औवल बाहर आता है।प्रथम भाग बच्चे के जन्म का प्रथम चरण लगभग 10 से 12 घंटे या अधिक समय का होता है। प्रथम चरण का समय इस बात पर निर्भर करता है। कि महिला का कौन सा बच्चा है। पहले बच्चे में यह चरण अधिक समय लेता है। दूसरे बच्चे में कम तथा तीसरे बच्चे में और कम समय लगता है। प्रथम चरण में योनि की दीवारों का पतला होना, फैलना, खिंचना और धीरे-धीरे करके बच्चे के सिर का खिसकना होता है। योनि का फैला और खिंचा हुआ भाग धीरे-धीरे बच्चेदानी के मुंह को आगे आने में मदद करता है। इस चरण के साथ ही एक चिकना पदार्थ भी निकलता है जो कि एक झिल्ली के समान होता है जिसको शो कहते है। कभी-कभी सुकुचन जे साथ-साथ एमनीओटिक सैक फट जाता है तथा एमनीओटिक द्रव निकलने लगता है। दूसरा भाग बच्चे के जन्म के दूसरे चरण में बच्चेदानी का दबाव प्रत्येक दो-दो मिनट बाद होता है तथा आधे या एक मिनट तक रहता है। इस दबाव के कारण बच्चा धीरे-धीरे नीचे ढकेला जाता है। इस चरण में बच्चे का सिर देखा जा सकता है। इसके बाद योनि धीरे-धीरे सिमटते हुए परतों के रूप में एक परत दूसरे के ऊपर चढ़ती रहती है। साधारणतया बच्चे का सिर ऊपर की ओर तथा उसका धड़ नीचे की ओर होता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/प्रसव" से प्राप्त