"छिलका": अवतरणों में अंतर

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==छिलकों के लाभकारी गुण==
प्राय: गृहणियां साग-सब्जियों और फलों का उपयोग करते समय उनके छिलकों को बेकार समझकर फेंक देती है। लेकिन वास्तव में वे छिलकें बेकार नहीं उपयोगी भी होते हैं। उन छिलकों में कई चमत्कारिक गुण छिपे होते हैं, जिससे सौंदर्य ही नहीं निखरता, बल्कि कई रोगों को दूर करता है।
 
*[[खरबूजा|खरबूजे]] को छिलका समेत खाने से कब्ज दूर होती है।
*[[खीरा|खीरे]] के छिलके से भी कीट और [[झींगुर]] भागते हैं।
*[[पपीता|पपीते]] के छिलके सौंदर्यवर्धक माने जाते हैं। त्वचा पर लगाने से खुश्की दूर होती है। एड़ियों पर लगाने से वे मुलायम होती हैं। चोट लगने पर केले के छिलके को रगड़ने से रक्तस्राव रुक जाता है।
*कच्चे केले के छिलकों से चटपटी सब्जी बनती है। [[मटर]] के मुलायम छिलकों की भी स्वादिष्ट सब्जी बनती है।
*टमाटर और चुकंदर के छिलकों को चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और होठों की लालिमा बढ़ती है।
*[[करेला]] जितना गुणकारी होता है उसके छिलके भी उतने फायदेमंद होते हैं। अलमारी में रखने से कीट भागते हैं।
*[[तोरई|तोरी]] और [[घीया]] के छिलके की सब्जी भी पेट रोगों में फायदा पहुँचाती है।
 
'''अनार का छिलका''' : जिन महिलाओं को अधिक मासिक स्राव होता है वे अनार के सूखे छिलके को पीसकर एक चम्मच पानी के साथ लें। इससे रक्त स्राव कम होगा और राहत मिलेगी। जिन्हें बवासीर की शिकायत है वे अनार के छिलके का 4 भाग रसौत और 8 भाग गुड़ को कुटकर छान लें और बारीक-बारीक गोलियां बनाकर कुछ दिन तक सेवन करें। बवासीर से जल्दी आराम मिलेगा। अनार के छिलके को मुंह में रखकर चूसने से खांसी का वेग शांत होता है। अनार को बारीक पीसकर उसमें दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर सिर पर मलें। इससे बाल मुलायम होते हैं।
 
'''काजू का छिलका''' : काजू के छिलके से तेल निकालकर पैर के तलवे और फटे हुए स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
 
'''बादाम का छिलका''' : बादाम के छिलके व बबुल की फल्लियों के छिलके व बीज को जलाकर पीसकर थोड़ा नमक डालकर मंजन करें। इससे दांतों के कष्ट दूर होते हैं, मसूढ़ें स्वस्थ एवं दांत मजबूत बनता है।
 
'''नारियल का छिलका''' : नारियल का छिलका जलाकर महीन पीसकर दांतों पर घिसने से दांतें साफ होते हैं।
 
'''नारंगी का छिलका''' : दूध में नारंगी का छिलका छानकर दूध के साथ नियमित सेवन करने से खून साफ होता हैं।
 
'''पपीते का छिलका''' : पपीते के छिलके को धूप में सूखाकर, खूब बारीक पीसकर ग्लिसरीन के साथ मिलाकर लेप बनावें व चेहरे पर लगाये, मुंह की खुश्की दूर होती है।
 
'''आलू का छिलका''' : आलू के छिलके मुंह पर रगड़ने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती।
 
'''लौकी का छिलका''' : लौकी के छिलके को बारीक पीसकर पानी के साथ पीने से दस्त में लाभ होता है।
 
'''तोरई का छिलका''' : तोरई का ताजा छिलका त्वचा पर रगड़ने से त्वचा साफ होती है।
 
'''इलायची का छिलका''' : इलायची के छिलके चाय की पत्तियां या शक्कर में डाल दें तो चाय स्वादिष्ट बनेगी।
 
'''संतरे का छिलका''' : संतरे के छिलके को दूध में पीसकर छान लें। इसे कच्चे दूध व हल्दी में मिलाकर चेहरे पर लगाये। इससे जहां चेहरे के दुश्मन मुहांसों-धब्बों का नाश होता है, वहीं त्वचा जमक उठता है।
 
'''तरबूज का छिलका''' - दाद, एकजीमा की शिकायत होने पर तरबूज के छिलकों को सूखाकर, जलाकर राख बना लें। तत्पश्चात् उस राख को कड़ुवे तेल में मिलाकर लगाये।
 
'''नींबू का छिलका''' : नींबू का छिलका दांत पर मलने से दांत चमकदार बनता है और मसूढ़ें भी मजबूत बनता है। नींबू का छिलका जूते पर रगड़े व कुछ देर के लिए धूप में रख दें। फिर जूतों पर मालिश करें। जूतों में चमक आ जायेगी। नींबू व संतरा के छिलकों को सूखाकर, खूब महीन चूर्ण बनाकर दांत पर घिसें। दांत चमकदार बनते हैं।
 
==इन्हें भी देखें==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/छिलका" से प्राप्त