"खीरा": अवतरणों में अंतर

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अच्छी उपज प्राप्त करने हेतु खेत तैयार करते समय प्रतिहेक्टेयर 20-25 टन गोबर की सडी खाद मिला देना चाहिए | इसके प्रति हे. की दर से आवश्यक होता है | नत्रजन की 1/3 मात्रा फास्फोरस तथा पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा बुवाई के ससम, 1/3 नत्रजन पौधों में 4-5 पत्तियों की अवस्था पर तथा 4/5 नत्रजन फल आने की प्रारम्भिक अवस्था पर दें|
 
\\==सिंचाई एवं निराई==
जायद में उच्च तापमान के कारण अपेक्षाकृत अधिक नमी की जरूरत होती है | अत: गर्मी के दिनों में हर सप्ताह हल्की सिंचाई करना चाहिए | वर्षा ऋतु में सिंचाई वर्षा पर निर्भर करती है | खेत में खुरपी या हो के द्वारा खरपतवार निकालते रहना चाहिए | वर्षाकालीन फसल के लिए जडों में मिटटी चढा देना चाहिए
 
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