"वर्षा जल संचयन": अवतरणों में अंतर

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[[भारत]] में मित जलीय क्षेत्रों, जैसे [[राजस्थान]] के [[थार]] [[रेगिस्तान]] क्षेत्र में लोग जल संचयन से जल एकत्रित किया करते हैं। यहां छत-उपरि जल संचयन तकनीक अपनायी गयी है। छतों पर वर्षा जल संचयन करना सरल एवं सस्ती तकनीक है जो मरूस्थलों में हजारों सालों से चलायी जा रही है। पिछले दो ढाई दशकों से बेयरफूट कॉलेज पंद्रह-सोलह राज्यों के गांवों और अंचलों के पाठशालाओं में, विद्यालय की छतों पर इकठ्ठा हुए वर्षा जल को, भूमिगत टैंकों में संचित करके ३ करोड़ से अधिक लोगों को पेयजल उपलब्ध कराता आया है। यह कॉलेज इस तकनीक को मात्र वैकल्पिक ही नहीं बल्कि स्थायी समाधान के रूप में विस्तार कर रहा है।<ref>[http://hindi.indiawaterportal.org/content/%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%AB%E0%A4%9F%E0%A5%8B%E0%A4%AA-%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%9C%E0%A4%B2-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AF%E0%A4%A8 रुफटोप वर्षा जल संचयन]।इंडिया वॉटर पोर्टल।{{हिन्दी चिह्न}}।सौजन्य:जर्मन एग्रो एक्शन- केस स्टडी</ref> इस संरचना से दो उद्देश्यों पूर्ण होते हैं:-
*पेयजल स्रोत, विशेषत: शुष्क मौसम के चार से पांच माह
*स्वच्छता सुविधाओं में सुधार के लिए साल भर जल का प्रावधान
इस प्रकार स्थानीय तकनीकों से, विशेषत: आंचलिक क्षेत्रों में, समाज के विभिन्न वर्गों के अनेक प्रकार से प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।
 
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* [http://mowr.gov.in/index3.asp?sslid=790&subsublinkid=775&langid=2 कृत्रिम पुनर्भरण संबंधी सलाहकार परिषद], [[भारत सरकार]]
* [http://mowr.gov.in/index3.asp?sslid=789&subsublinkid=774&langid=2 राष्ट्रीय भूजल सम्मेलन]: [[भारत]]
 
 
 
{{DEFAULTSORT:Rainwater Harvesting}}
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[[श्रेणी:सिंचाई]]
[[श्रेणी:तकनीक]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]
 
[[de:Regenwassernutzung]]