"कार्थेज": अवतरणों में अंतर

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प्राचीन रोमन स्रोतों के अनुसार इसकी स्थापना सन् 814 ईसापूर्व में फ़ोनीशिया के टायर शहर से (जो आधुनिक [[लेबनान]] में पड़ता है) आये एक फ़ोनीशियाई समूह ने की थी। कार्थेज तेज़ी से धन, शक्ति और प्रभाव में बढ़ने लगा। इस नगर पर केन्द्रित संस्कृति को उसके समकालीन रोमन लोग प्यूनिक ([[लातिनी भाषा|लातिनी]]: Punic) बुलाया करते थे, जो "फ़ोनीशिया" शब्द का ही एक बिगड़ा रूप है। समय के साथ [[भूमध्य सागर]] में यह रोम और यूनान के सिराक्यूज़ शहर से मुक़ाबला करने वाली तीसरी शक्ति के रूप में उभरा। इनमें आपसी झड़पों का सिलसिला छिड़ गया। दूसरे प्यूनिक युद्ध में प्रसिद्ध कार्थेजी नेता [[हान्निबल]] ने [[इटली]] पर चढ़ाई करी और सन् 216 ई॰पू॰ में दक्षिणपूर्वी इटली में लड़े गए कैने के युद्ध में जीत प्राप्त की, जिस से लगने लगा के इटली के कई क्षेत्रों से रोम का साम्राज्य उखड़ जाएगा। लेकिन सन् 202 ई॰पू॰ में लड़े गए ज़ामा के युद्ध में हान्निबल पराजित हुआ और कार्थेज बहुत कमज़ोर पड़ गया। सन् 149-146 ई॰पू॰ में लड़े गए तीसरे प्यूनिक युद्ध में कार्थेज की पूरी हार हो गयी। रोम के फ़ौजों ने कार्थेज के शहर को पूरी तरह जला और तोड़ डाला। कार्थेज के सभी नागरिकों को मार डाला गया या दास बना लिया गया।
 
कुछ समय बाद रोम ने ही कार्थेज की फिर स्थापना की और यह शहर समय के साथ-साथ रोमन साम्राज्य का चौथा सब से महत्वपूर्ण नगर बना। कुछ समय तक यह अल्प आयु वाले [[वैन्डल]] राज्य की राजधानी भी रहा। सन् 698 ईसवी में अरब फ़ौजें यहाँ आ धमकी और कार्थेज दूसरी दफ़ा नष्ट किया गया।
 
==इन्हें भी देखें==